ADR Report: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय दलों ने साल 2019-20 में अज्ञात स्रोतों से 445.77 करोड़ रुपये जुटाए, जो उनकी कुल आय का 55.50 फीसदी है. इसमें से 95.62 फीसदी यानी कि 426.23 करोड़ रुपये चुनावी बांड से आए और क्षेत्रीय दलों ने स्वैच्छिक योगदान से 4.97 करोड़ रुपये एकत्र किए.


रिपोर्ट में कहा गया है, 'निर्वाचन आयोग के पास दाखिल दलों के आयकर रिटर्न और चंदे के विवरण के विश्लेषण से पता चलता है कि स्रोत काफी हद तक अज्ञात हैं. वर्तमान में, राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये से कम देने वाले लोगों या संगठनों के नाम का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है. परिणामस्वरूप, धन के एक बड़े हिस्से के स्रोत का पता नहीं लगाया जा सकता है और ये धन अज्ञात स्रोतों से हैं.'


किस क्षेत्रीय पार्टी को कितना चंदा मिला
एडीआर ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की योगदान रिपोर्ट वेबसाइट पर उपलब्ध है. लेकिन इन दलों के चंदे के आंकड़े वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए उनकी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और योगदान रिपोर्ट (20,000 रुपये से अधिक का चंदा) में घोषित विसंगतियों को दर्शाते हैं. एडीआर ने कहा कि आप, आईयूएमएल और लोजपा द्वारा अपनी ऑडिट रिपोर्ट में घोषित कुल योगदान की राशि उनके द्वारा घोषित कुल चंदा (केवल 20,000 रुपये से अधिक) की राशि से क्रमश: 6.10 करोड़ रुपये, 31.20 लाख रुपये और 4.16 लाख रुपये से कम है.


सर्वाधिक अज्ञात आय घोषित करने वाले कुछ शीर्ष क्षेत्रीय दलों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (89.16 करोड़ रुपये), तेलगू देशम पार्टी (81.69 करोड़ रुपये), युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसी) (74.75 करोड़ रुपये), बीजू जनता दल (50.58 करोड़ रुपये) और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) (45.50 करोड़ रुपये) शामिल हैं.


एडीआर ने कहा कि ज्ञात चंदा दाताओं से राजनीतिक दलों की कुल आय (निर्वाचन आयोग को दलों द्वारा प्रस्तुत योगदान रिपोर्ट से उपलब्ध चंदा दाताओं का विवरण) 184.62 करोड़ रुपये है, जो इन दलों की कुल आय का 22.98 प्रतिशत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य ज्ञात स्रोतों (सदस्यता शुल्क, बैंक ब्याज, प्रचार सामग्री की बिक्री, पार्टी शुल्क आदि) से राजनीतिक दलों को 172.84 करोड़ रुपये की आय हुई, जो कुल आय का 21.52 प्रतिशत है.


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