एडीआर रिपोर्ट: राष्ट्रीय दलों ने अज्ञात स्रोतों से अर्जित किए 11,234.12 करोड़ रुपये
एडीआर रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राजनीतिक पार्टियों ने वित्तवर्ष 2004-05 से 2018-19 के बीच 11,234 करोड़ रुपये का चंदा अज्ञात स्रोतों से प्राप्त किया.
नई दिल्ली: देश के राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को वित्तवर्ष 2004-05 से 2018-19 के बीच 11,234 करोड़ रुपये का चंदा अज्ञात स्रोतों से प्राप्त किया. गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर)ने यह दावा किया है. एडीआरके मुताबिक उन्होंने इस विश्लेषण के लिए उसने सात राष्ट्रीय पार्टियों बीजेपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा)और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)द्वारा चुनाव आयोग को दी गई जानकारी का इस्तेमाल किया है.
वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान केंद्र की सत्ता पर आरूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अज्ञात स्त्रोतों से 1,612.08 करोड़ की आय घोषित की है जो सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित अज्ञात राशि (2512.98 करो) का 64 प्रतिशत है. बीजेपी द्वारा घोषित अज्ञात स्त्रोतों की कुल आय पांच राष्ट्रीय दलों (900.94 करोड़) के कुल अज्ञात आय से 1.5 गुना अधिक हैं. विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने इस दौरान 728.88 करोड़ प्राप्त किया है जो सभी राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 29 प्रतिशत है.
दलों द्वारा अज्ञात स्त्रोतों से एकत्रित कुल 2512.98 करोड़ की आय में से 1960.68 करोड़ यानी कि 78 प्रतिशत की आय चुनावी बांड से घोषित किया है. 2004-05 से लेकर 2018-19 के बीच कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 3902.63 करोड़ की आय कूपन की बिक्री से अर्जित की हैं.
दान रिपोर्ट (20,000 रुपये से अधिक के दान वित्तीय वर्ष 2018-19 ) के अनुसार सभी राष्ट्रीय दलों को मिलाकर नकद के माध्यम से 71.44 लाख की दान राशि मिली है. विश्लेषण के आधार पर दलों की 67 प्रतिशत से भी अधिक राशि अज्ञात स्त्रोतों से प्राप्त हुई है.
उल्लेखनीय है कि जून 2013 में राष्ट्रीय दलों को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के फैसले से आरटीआई के तहत लाया गया था, लेकिन राष्ट्रीय दलों ने दुर्भाग्यपूर्ण, इस निर्णय का पालन नहीं किया है। मौजूदा कानून के तहत दलों की धन राशि में पारदर्शिता संभव नहीं है, यह केवल आरटीआई से ही जनता को साऱी जानकारी प्राप्त हो सकती है.