बीजेपी में लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ रहे हैं आडवाणी: राहुल गांधी
नई दिल्ली: संसद की कार्यवाही बार-बार बाधित होने पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की ओर से लोकसभा में जाहिर की गई नाराजगी के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि पूर्व उप-प्रधानमंत्री अपनी पार्टी के भीतर ‘‘लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ रहे’’ हैं.
Thank you Advani ji for fighting for democratic values within your party https://t.co/dTkCYB235g
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 15, 2016
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘‘तानाशाही’’ का आरोप लगा चुके राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘आडवाणी जी, अपनी पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ने पर आपका शुक्रिया.’’ राहुल ने यह टिप्पणी तब की जब कुछ ही घंटे पहले आडवाणी ने लोकसभा में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था, ‘‘मेरा तो मन कर रहा है कि इस्तीफा दे दूं.’’ नोटबंदी के मुद्दे पर संसद का शीतकालीन सत्र लगभग पूरी तरह ठप रहने को लेकर आडवाणी ने यह बात कही थी.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आडवाणी जी कांग्रेस को नहीं बल्कि ‘‘साफ तौर पर अपनी पार्टी को फटकार लगा रहे हैं’’ जबकि बीजेपी ‘‘तोड़-मरोड़कर’’ बता रही है कि वह कांग्रेस की खिंचाई कर रहे हैं.
सिंघवी ने कहा, ‘‘आडवाणी जी बेहद वरिष्ठ सांसद हैं और बीजेपी जानबूझकर इन चीजों को तोड़-मरोड़ बता रही है कि उनका गुस्सा और उनका दुख कांग्रेस के खिलाफ है. यह हास्यास्पद है. आडवाणी साफ तौर पर अपनी पार्टी को फटकार लगा रहे हैं. सकारात्मक सबूत वह है जो आपने आज, कल और सोमवार को या किसी और दिन देखा.’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लोकसभा में (543 सीटों में से) 323 सीटों के साथ बहुमत से लैस दुनिया की कोई भी पार्टी कैसे तख्तियां लेकर खड़ी हो सकती है और बहस की मांग कर रहे विपक्ष से ही सवाल, चाहे अगस्तावेस्टलैंड (हेलीकॉप्टर घोटाला) हो या कुछ और, कर सकती है ? विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) के उपाध्यक्ष कहते हैं कि हम बहस के लिए बेसब्र हैं...और आप साफ तौर पर इससे बच रहे हैं.’’
इससे पहले, लोकसभा में पिछले करीब तीन हफ्ते से जारी गतिरोध पर आडवाणी का आक्रोश आज फिर से फूट पड़ा और उन्होंने कहा कि उनका तो ‘‘इस्तीफा देने का मन कर रहा है.’’ आडवाणी ने व्यथित स्वर में कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा किए बिना यदि कल लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई तो ‘‘संसद हार जाएगी और हम सब की बहुत बदनामी होगी.’’
आडवाणी ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद आक्रोश जताते हुए कुछ अन्य दलों के सदस्यों से बातचीत में कहा, ‘‘मेरा तो मन कर रहा है कि इस्तीफा दे दू.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सदन में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा जरूर होनी चाहिए.’’
सदन के दिनभर के लिए स्थगित होने से पूर्व आडवाणी ने पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से अपनी भावनाएं साझा कीं जिन्होंने इसके बाद समीप खड़े गृह मंत्री राजनाथ सिंह से कुछ कहा. राजनाथ ने आडवाणी की बात तो सुनी लेकिन वह कोई प्रतिक्रिया देते नहीं दिखे. आडवाणी राजनाथ सिंह को यह कहते हुए सुने गए कि वह स्पीकर से कल सुचारू रूप से सदन चलाने और नोटबंदी पर चर्चा सुनिश्चित करने को कहें.