नई दिल्ली: शाहीन बाग में फिर से धरना प्रदर्शन की तैयारी की सुगबुगाहट के बीच अब दिल्ली के एक अधिवक्ता ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से शिकायत की है. साथ ही उन्होंने मांग की है कि पुलिस को पहले से ही सतर्क रहते हुए शाहीन बाग पर अपनी फोर्स को तैनात करनी चाहिए ताकि दोबारा कोई धरना प्रदर्शन उस सड़क पर न हो, जिसकी वजह से आम जनता को समस्या उठानी पड़े. अधिवक्ता का कहना है कि पहले ही इस प्रदर्शन की वजह से लाखों लोगों ने महीनों यातायात से संबंधित समस्याएं उठाई हैं. उनका कहना है कि शाहीन बाग के आसपास कुछ बड़े अस्पताल भी हैं. कोरोना काल में अगर ऐसा कोई धरना होता है तो कहीं न कहीं बीमारों को भी इसका खामियाजा चुकाना होगा.


'दिल्ली के दंगों के लिए भी शाहीन बाग का धरना जिम्मेदार'


अधिवक्ता अमित साहनी का कहना है कि शाहीन बाग में जो धरना हुआ था, उसकी वजह से लोगों के मन मे कहीं न कहीं कुछ गुस्सा भी था. शायद राजधानी दिल्ली में हुए दंगे में भी वह गुस्सा देखने को मिला. अमित साहनी ने इस संदर्भ में दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव के साथ-साथ साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी कॉपी शिकायत दी है.


क्या है मामला


अधिवक्ता अमित साहनी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव को ईमेल के माध्यम से एक शिकायत पत्र भेजा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि समाचार के माध्यम से ऐसा जानकारी में आया है कि शाहीन बाग में फिर से धरने प्रदर्शन की तैयारी चल रही है. समाचार पत्रों के माध्यम से यह पता चला है कि कुछ लोग बंद कमरों में एक बार फिर से शाहीन बाग की रोड नंबर 13 पर धरना बैठाने की तैयारी में जुटे हुए हैं, जिसमें जामिया विश्वविद्यालय के कुछ लोग भी शामिल हैं. इसके बाद दिल्ली पुलिस की तरफ से भी वहां पर कुछ समय के लिए चौकसी बरती गई थी.


'इन्तेजार नहीं एहतियातन कार्रवाई की जाए'


शिकायतपत्र में अमित साहनी ने कहा है कि अगर ऐसा कुछ है तो दिल्ली पुलिस को पहले से ही इस मामले में सतर्क रहते हुए कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसा न हो कि कहीं पहले की तरह लोग धरने पर बैठ जाएं और फिर उन्हें हटाने में दिक्कत का सामना करना पड़े, क्योंकि दिसंबर में भी ऐसा ही हुआ था. शुरुआत में चंद लोग धरने पर बैठे थे, जिन्होंने धीरे-धीरे पूरी सड़क पर कब्जा जमा लिया था और फिर धरना महीनों चला था. दिल्ली पुलिस इस बार ऐसा न हो दें और समय रहते उस स्थान पर अपनी तैनाती सुनिश्चित करें, जिससे कि दिल्ली और एनसीआर के लाखों लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो.


दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की थी याचिका


अधिवक्ता अमित साहनी का कहना है कि उन्होंने शाहीन बाग धरने प्रदर्शन के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, क्योंकि इस धरने की वजह से दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग महीनों बंद रहा था. जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा था, जिनमें बच्चे और बीमार भी शामिल थे. यही वजह है कि इस बार अमित साहनी की तरफ से दिल्ली पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी गई है, ताकि आने वाले दिनों में एक बार फिर से शाहीन बाग में किसी तरह का कोई प्रदर्शन न हो.


'धरने से नहीं है परेशानी'


अधिवक्ता अमित साहनी का कहना है कि धरना करने वालों से हमें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन वे लोग धरना स्थल किसी और जगह पर बनाएं. रोड नंबर 13 को नहीं, क्योंकि यह एक प्रमुख मार्ग है, जिसकी वजह से दिल्ली एनसीआर के लाखों लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. उन लोगों में शाहीन बाग के लोग भी शामिल हैं.


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