Asaduddin Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. लोकसभा में मंगलवार (25, जून) को सांसदी की शपथ लेने के दौरान फिलिस्तिन के समर्थन में नारा लगाए जाने को लेकर सत्तापक्ष की ओर से कार्रवाई की मांग की जा रही है. इस बीच एडवोकेट हरि शंकर जैन ने ओवैसी के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपर्दी मुर्मू को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है.


वरिष्ठ वकील हरि शंकर जैन ने AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ओर से सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेते समय इस्तेमाल किए गए "जय फिलिस्तीन" शब्दों पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है. उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि मंगलवार को संसद सदस्य के रूप में शपथ लेते समय विदेशी राज्य यानी फिलिस्तीन के प्रति अपनी निष्ठा और पालन को स्वीकार करने के लिए सांसद को अयोग्य घोषित किया जाए.


हरि शंकर जैन ने ओवैसी पर साधा निशाना


वरिष्ठ वकील हरि शंकर जैन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर ओवैसी की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सदन में लगाए गए नारे से साबित होता है कि उनका फिलिस्तीन से संबंध है और वे फिलिस्तीन से प्रभावित हैं. एक नागरिक के तौर पर मुझे ऐसी चीज को खत्म करना चाहिए.'' 






क्या कहता है अनुच्छेद 102?


बता दें कि अनुच्छेद 102 के अनुसार अगर कोई भारत का नागरिक नहीं है या उसने स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त की है या किसी विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा या पालन की स्वीकृति के अधीन है. तो उसकी संसद सदस्‍यता जा सकती है.


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