अवमानना केस: प्रशांत भूषण का माफी मांगने से इनकार, सुप्रीम कोर्ट ने दी थी दो दिन की मोहलत
भूषण के जवाब के बाद 25 अगस्त को कोर्ट इस मामले में सजा का एलान कर सकता है. इस मामले में अधिकतम छह महीने की सजा या जुर्माना या फिर दोनों ही हो सकती है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट सांकेतिक सजा भी दे सकता है.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट की अवमानना मामले में एक बार फिर माफी मांगने से इंकार कर दिया है. भूषण ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपना दूसरा जवाब दाखिल किया और कहा कि उन्होंने संस्था की भलाई के लिए ये ट्वीट किए थे और ये इसके लिए माफी मांगना सही नहीं समझते. सुप्रीम कोर्ट ने भूषण को अपने बयान पर एक बार फिर विचार करने के लिए 2 दिन का समय दिया था.
अपने जवाब में भूषण ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने नए जवाब में भूषण ने इस बात पर अफसोस जताया है कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें वक्तव्य पर दोबारा विचार करने के लिए 2 दिन का समय देने की बात कही, लेकिन आदेश में लिखा कि समय बिना शर्त माफी मांगने के लिए दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली मोहलत का आज आखिरी दिन था, लेकिन भूषण ने अपने बयान को बदलने से मना कर दिया है.
भूषण ने कहा है कि उन्होंने ट्वीट भली नीयत से और एक संस्थान के तौर पर सुप्रीम कोर्ट की बेहतरी के लिए किए थे. उसके लिए माफी मांगना वह उचित नहीं समझते.
Breaking: @pbhushan1 files a supplementary affidavit: "If I retract a statement before this court that I otherwise believe to be true or offer an insincere apology, that in my eyes would amount to the contempt of my conscience and of an institution that I hold in highest esteem" pic.twitter.com/i4KNbXHlEb
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) August 24, 2020
क्या है पूरा मामला? 27 जून को किए गए एक ट्वीट में प्रशांत भूषण ने 4 पूर्व चीफ जस्टिस को लोकतंत्र के हत्या में हिस्सेदार बताया था. 29 जून को उन्होंने बाइक पर बैठे वर्तमान चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की तस्वीर पर ट्वीट किया था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे आम लोगों के लिए बंद कर दिए हैं. खुद बीजेपी नेता की 50 लाख की बाइक की सवारी कर रहे हैं.
बाद में इस ट्वीट पर कोर्ट में सफाई देते हुए प्रशांत भूषण ने माना था कि तथ्यों की पूरी तरह से पुष्टि किए बिना उन्होंने तस्वीर पर टिप्पणी की. लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उनकी भावना सही थी. वह आम लोगों को न्याय दिलाने को लेकर चिंतित हैं.
4 पूर्व चीफ जस्टिस पर किए गए ट्वीट के बारे में उन्होंने सफाई दी थी कि पिछले कुछ सालों में सुप्रीम कोर्ट कई मौकों पर वैसी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा है, जिसकी उम्मीद की जाती है. कोर्ट ने प्रशांत भूषण के स्पष्टीकरण को नामंजूर करते हुए 14 अगस्त को उन्हें अवमानना का दोषी करार दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था बयान पर विचार करने का समय
इसके बाद पिछली सुनवाई में कोर्ट ने भूषण को इसकी सजा देने से पहले अपने बयान पर फिर से विचार करने को कहा था. भूषण ने उस वक्त भी अपने बयान को बदलने से इंकार कर दिया था और कोर्ट को कहा था कि वह माफी नहीं मांगेंगे. इसके बावजूद कोर्ट ने सजा पर अपना आदेश सुरक्षित रख दिया था और उन्हें अपने बयान पर विचार करने का समय दिया था.
भूषण के जवाब के बाद 25 अगस्त को कोर्ट इस मामले में सजा का एलान कर सकता है. इस मामले में अधिकतम छह महीने की सजा या जुर्माना या फिर दोनों ही हो सकती है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट सांकेतिक सजा भी दे सकता है.
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