Asaduddin Owaisi: एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार (25, जून) को लोकसभा सांसद के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. इस दौरान उन्होंने 'जय फिलिस्तीन' का नारा लगाए. ओवैसी के इस नारे के बाद सिसायी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी के तमाम नेताओं ने ओवैसी के इस कदम की आलोचना करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.


हालांकि, अब AIMIM अध्यक्ष ओवैसी के बयान पर पार्टी नेता उनके बचाव में बचाव में उतर आए हैं. AIMIM नेता वारिस पठान ने ओवैसी के बयान का बचाव किया और बीजेपी पर जमकर हमला बोला.


वारिस पठान ने किया ओवैसी का बचाव


वारिस पठान ने एक टीवी चैनल को दिए बयान में कहा, ''असदुद्दीन ओवैसी जब शपथ लेने के लिए गए तो बीजेपी सांसदों ने नारेबाजी की. उन्होंने शपथ लेने के बाद जय हिंद, जय मीम और जय फिलिस्तिन ही कहा, लेकिन एक बरेली के बीजेपी सांसद छत्रपाल गंगवार तो शपथ लेने के बाद जय हिंदू राष्ट्र का नारा लगा रहे थे.''


वारिस पठान ने साधा बीजेपी पर निशाना


उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरा सवाल बीजेपी से है कि क्या हमारा देश एक हिंदू राष्ट्र देश है, अगर ऐसा नहीं है तो बीजेपी सांसद के बयान को रिकॉर्ड से क्यों नहीं हटाया गया, जबकि ओवैसी के बयान को हटा दिया गया. महात्मा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं ने गाजा फिलिस्तिन का समर्थन किया है.


विष्णु शंकर ने लगाई ओवैसी नेता को फटकार


वहीं, वकील विष्णु शंकर जैन ने वारिस पठान के तर्क पर उनको फटकार लगाई. उन्होंने कहा, आर्टिकल 102 कहता है कि अगर कोई देश का नागरिक अगर दूसरे देश का गुणगान करता है तो वह संविधान के खिलाफ है. ओवैसी एक वकील हैं और वह भी जानते हैं कि अगर कोई शख्स दूसरे देश के प्रति अपनी निष्ठा दिखाता है, तो उसे संसद से निष्कासित कर देना चाहिए.''


क्या बोले वकील हरिशंकर जैन?


सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की है. उन्होंने आईएएनएस से कहा, ''शपथ लेने के दौरान जिस तरह से ओवैसी ने जय फिलिस्तीन का नारा लगाया, यह बहुत गंभीर और विचारणीय प्रश्न है. ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि क्या भारत में रहने वाला कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश के प्रति इतना समर्पित हो सकता है कि वो लोकतंत्र के मंदिर में ही उस देश के नाम का जयकारा लगा दे? ओवैसी एक वकील हैं, उन्हें पता है कि आर्टिकल 102 के तहत उनकी संसद सदस्यता रद्द हो सकती है, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने ऐसा नारा लगाया.''


यह भी पढ़ें- 'किसी दिन कुछ बड़ा हो गया तो क्या करेंगे...,' ओवैसी को कौन मारना चाहता है?