नई दिल्ली: वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि स्वदेशी लड़ाकू विमान, एलसीए तेजस एयरफोर्स की बैकबोन बनने जा रहे हैं. एशिया का सबसे बड़ा एयरो-स्पेस और डिफेंस शो यानि एयरो-इंडिया 2021 के दौरान एयर चीफ मार्शल ने यह बात कही. एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बात करते हुए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि 83 एलसीए-तेजस मार्क 1ए एयरफोर्स के लिए बहुत जरूरी था. इसमें बेहतर क्षमता है, बेहतर हथियार और सेंसर्स हैं. ये स्वदेशी डिफेंस इंटस्ट्री के लिए भी बेहद जरूरी थे.
एबीपी न्यूज से बात करते हुए एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि एक मिलिट्री पावर देश के लिए स्वदेशी क्षमताएं बेहद जरूरी है. हमें अपनी लड़ाई खुद लड़नी है. वायु सेना को और मजबूत बनाने को लेकर उन्होंने कहा, ''एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (स्वदेशी फिफ्थ जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट) भी हम वायुसेना में शामिल करेंगे. इसके अलावा एमएमआरसीए प्रोजेक्ट के तहत114 फाइटर जेट्स की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें विदेशी लड़ाकू विमान भी टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं.''
एयरोइंडिया के मायने ही एयर-पावर
चीन के साथ मौजूदा गरितरोध को लेकर वायुसेना प्रमुख ने कहा, ''अभी परिस्थितियां जस की तस बनी हुई है. दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है. अगर चीन डिसइंगेजमेंट और डि-एस्केलेशन करता है तो भारत भी रि-डिप्लोयमेंट करेगा.'' एयरोइंडिया में इस बार चीफ ऑफ एयर स्टाफ सम्मेलन (सीएएस कॉन्कलेव) में 28 देशों के वायुसेना प्रमुखों ने हिस्सा लिया. उन्होंने कहा, ''एयरोइंडिया के मायने ही एयर-पावर है. इससे हम दूसरे देशों के जरिए आपसी सहयोग करना चाहते हैं.''
बता दें कि भारत अब खुद के लिए ही हथियार नहीं बनाएगा बल्कि दुनिया को भी निर्यात करने के लिए तैयार है यानि मेक इन इंडिया से आगे निकलकर अब भारत 'मेड फॉर द वर्ल्ड' के लिए तैयार है. इसी आगाज के साथ एशिया का सबसे बड़ा एयरो-स्पेस और डिफेंस शो यानि एयरो-इंडिया2021 बेंगलुरू में शुरू हुआ.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया है उद्घाटन
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया का उद्घाटन करते हुए कहा कि पूरी दुनिया अब भारत की तरफ बड़े ही आस से देख रही है. बेंगुलरू में एयरो-इंडिया का यह 13वां संस्करण है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का विजन है रक्षा क्षेत्र में भारत को एक अहम मुकाम हासिल करना ताकि डिजाइन से लेकर प्रोडेक्शन तक में सरकारी और निजी कंपनियों की भागीदारी हो. इसके लिए भारत ने वर्ष 2024 तक 1.76 लाख करोड़ का टर्न-ओवर रखा है जिसमें 35 हजार करोड़ अकेले हथियारों के निर्यात के लिए है.
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