बेंगलुरु में आज से एशिया के सबसे बड़े एयरो-शो 'एयरोइंडिया' की शुरुआत हो रही है. एयरोइंडियो शो के उद्घाटन के तुरंत बाद वायुसेना और एचएएल के बीच 83 अतिरिक्त एलसीए तेजस मार्क-1ए एयरक्राफ्ट्स का करार होगा. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख भी मौजूद रहेंगे. हाल ही में प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सीसीएस कमेटी ने इस करार को मंजूरी दी थी.


48 हजार करोड़ वाले इस करार में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानि एचएएल वायुसेना के लिए 83 अतिरिक्त उन्नत और अधिक क्षमता वाले एलसीए तेजस एयरक्राफ्ट मुहैया कराएगी. इन तेजस‌ विमानों को एलसीए मार्क-वनए के नाम से जाना जाएगा. खुद इस करार को लेकर मंगलवार को बेंगलुरु में रक्षा मंत्री ने एयरो-इंडिया की कर्टन-रेजर प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी.


मंगलवार को ही रक्षा मंत्री ने बेंगलुरु में एलसीए एयरक्राफ्ट्स की सेकेंड लाइन ऑफ प्रोडेक्शन का उद्घाटन किया. एचएएल के सीएमडी आर माधवन के मुताबिक, इस दूसरे प्लांट बनने से एचएएल हर साल 16-18 एयरक्राफ्ट्स तैयार कर सकेगी. माना जा रहा है कि अगले 36 महीनों में एचएएल पहला एलसीए-मार्क वने वायुसेना को सौंप देगी. सभी 83 विमान साल 2028-29 तक वायुसेना को सौंपने का प्लान है.


रक्षा मंत्री करेंगे उद्घाटन
आज सुबह साढ़े नौ बजे रक्षा मंत्री एशिया का सबसे बड़ा एयरो-स्पेस और डिफेंस प्रदर्शनी एयरोइंडिया 2021 का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद सुबह 10.15 पर फ्लाईंग-डिस्पिले होगा, जिसमें भारत के स्वदेशी एयरक्राफ्ट्स और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे. (ये फ्लाईंग डिस्पिले दोपहर 3 बजे भी होगा). रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक, एयरो इंडिया शो के जरिए भारत अपने मित्र-देशों को हथियारों के लिए नेट-एक्सपोर्टर बनना चाहता है.


'आत्मनिर्भर फॉर्मेशन फ्लाइट'
बेंगलुरु में शुरू हो रहे एशिया के सबसे बड़े एयरो-शो 'एयरोइंडिया' में खास 'आत्मनिर्भर फॉर्मेशन फ्लाईट' देखने को मिलेगी. दो साल में एक बार होने वाले इस एयरो-शो में भारत अपने स्वदेशी हथियार, फाइटर जेट्स और मिसाइलों की प्रर्दशनी दुनिया के लिए लगाने वाला है ही, साथ ही दुनियाभर की बड़ी एयरो-स्पेस कंपनियां भी भारत के साथ मिलकर भारत में ही अपने हथियारों का उत्पादन करने के लिए पहुंच रही हैं.


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 13वें एयरोइंडिया शो के लिए अबतक देश-विदेश की कुल 600 कंपनियां तीन दिनों तक बेंगलुरु में होने वाली प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कर चुकी हैं. इनमें 14 देशों की 78 विदेशी कंपनियां शामिल हैं. कोविड-प्रोटोकॉल के चलते इस बार एयरो-शो में आम लोगों को आने की इजाजत नहीं होगी यानि तीनों दिन (3-5 फरवरी) बिजनेस-डे रहेंगे. लोगों को वर्चुअल देखने के लिए रक्षा मंत्रालय ने खास इंतजाम किया है. यहां तक की इस साल 203 कंपनियां वर्चुयली अपने हथियारों और दूसरे सैन्य-साजो सामान को प्रदर्शित करेंगी. इसीलिए इसे 'हाईब्रीड-मोड' प्रदर्शनी का नाम दिया गया है.


स्वदेशी एयरक्राफ्ट्स का आसमान में प्रदर्शन
हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएल) की तरफ से इस बार स्वदेशी एयरक्राफ्ट्स और हेलीकॉप्टर्स साफ तौर से बेंगलुरु के आसमान में छाए रहेंगे. एचएएल के मुताबिक, 'आत्मनिर्भर फ्लाइट फॉर्मेशन' के तहत एलसीए-ट्रेनर (लिफ्ट-ट्रेनर), एचटीटी-40, आईजेटी, एडवांस हॉक एमके-132 और सिविल डोरनियर (डो-228) के ट्रेनर एयरक्राफ्ट्स एक खास फॉरमेशन में उड़ान भरेंगे. इसके अलावा स्वदेशी लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए)-तेजस, लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (एलसीएच), एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर-ध्रुव, लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच), एचटीटी-40 ट्रेनर एयरक्राफ्ट इस साल एयरो-शो के दौरान उड़ान भरेंगे. इसके अलावा, रूस की मदद से भारत में ही तैयार किए जा रहे सुखोई लड़ाकू विमान, भी आसमान में गरजते दिखाई पड़ेंगे.


एचएएल के मुताबिक, स्टेटिक-डिस्पिले में डोरनियर, एचटीटी (हिंदुस्तान ट्रर्बो ट्रेनर)-40, एलसीएच, रूद्र अटैक हेलीकॉप्टर, एलयूएच और एएलएच-मार्क3 दिखाई देंगे. कॉम्बेट एयर टीमिंग सिस्टम (कैट्स) सिम्युलेटर भी एचएएल की तरफ से इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण है. इस सिम्युलेटर से स्वार्म-ड्रोन तकनीक भी दिखाई जाएगी.


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