Tejas Fighter Jet Possible Export: कर्नाटक के बेंगलुरु में येहलंका वायुसेना स्टेशन में 12 फरवरी को शुरू हुआ और 17 फरवरी तक चलने वाला 'एयरो इंडिया शो 2023' दुनिया के वायु सेना बाजार में भारत के लिए नई उड़ाने भरने का मौका लाया है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में बनने वाला हल्का लड़ाकू विमान तेजस दुनिया के कई देशों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है और वे इसे अपनी वायु सेना के बेड़े में शामिल करने की रुचि दिखा रहे हैं. कुछ देशों से बात चल रही है. तेजस की बिक्री के लिए कितने देशों को इसे निर्यात किया जाएगा, बात कहां तक पहुंची है, ये सारी जानकारी एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सीबी अनंतकृष्णन ने मंगलवार (14 फरवरी) को एयरो इंडिया के शो के दौरान पत्रकारों से साझा की.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस की बिक्री के लिए एचएएल की कम से कम चार देशों से बात चल रही है लेकिन मलेशिया के साथ करार होने में कंपनी को कठिनाई आ रही है. सीबी अनंतकृष्णन ने पत्रकारों से कहा कि मलेशिया ने करीब 16 विमानों के ऑर्डर के लिए तेजस लाइट फाइटर जेट को शॉर्टलिस्ट किया है और अर्जेंटीना, मिस्र और बोत्सवाना ने भी रुचि दिखाई है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि अभी मलेशिया के साथ लिखित में कोई समझौता नहीं हुआ है, सुन रहे हैं कि कोरिया को ऑर्डर मिलेगा. उन्होंने कहा, ''हम अभी अपने प्रोडक्ट को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.''
इन देशों से मिल सकता है इतने विमानों का ऑर्डर
अनंतकृष्णन ने कहा कि एचएएल अपने हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरों को बेचने के लिए फिलीपींस के साथ भी बातचीत कर रहा है. उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस बाजार में काफी रुचि पैदा हुई है, जल्द या बाद में हमारे पास सफल ऑर्डर होंगे.''
एचटी ने सीबी अनंतकृष्ण के हवाले से लिखा कि भारत की मिस्र और अर्जेंटीना के साथ तेजस को बेचने के लिए बातचीत हो रही है. मिस्र ने 20 विमानों की जरूरत का अनुमान लगाया है जबकि अर्जेंटीना को 15 नए फाइटर जेट की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मिस्र ने एक स्थानीय एयरोस्पेस इकोसिस्टम बनाने को लेकर रुचि दिखाई है, हम इसमें उनकी मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि अर्जेटीना की वायु सेना की दो टीमों ने एचएएल का दौरा किया और हल्का लड़ाकू विमान उड़ाया. एचएएल ने दोनों देशों को एलसीए एमके-1ए वैरिएंट की पेशकश की है.
25 बिलियन भारतीय रुपये की निर्यात बिक्री का लक्ष्य
रॉयटर्स के मुताबिक, एचएएल के संचालन निदेशक जयदेव ईपी ने बताया कि कंपनी ने अगले कुछ वर्षों में 25 खरब रुपये ($302.15 मिलियन) की निर्यात बिक्री का लक्ष्य रखा है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (13 फरवरी) को कहा कि सरकार अगले दो वर्षों में वार्षिक रक्षा निर्यात को तीन गुना से ज्यादा 5 बिलियन डॉलर करने की महत्वाकांक्षा तय की है और तेजस के निर्यात के लिए राजनयिक प्रयास किए जा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि पिछले साल रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस ने भी तेजस को खरीदने में रुचि दिखाई है.
तेजस की खासियत
यह सिंगल इंजन वाला 6,500 किलोग्राम का हल्का लड़ाकू विमान है, जिसके 50 फीसदी कलपुर्जे भारत में ही बने हैं. इसमें इजरायल का EL/M-2052 रडार लगाया गया है. यह एक साथ 10 टारगेट को ट्रैक कर सकता है और उन पर हमला कर सकता है. इसे बेहद छोटे रनवे से टेकऑफ किया जा सकता है. 6 प्रकार की मिसाइलें, लेजर गाइडेड बम और कलस्टर हथियार इसमें लगाए जा सकते हैं. यह सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर से लैस है जो हमले की सूरत में जेट बचाने में मदद करता है. एक बार में यह 3000 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है. इसका एडवांस्ड वर्जन 'तेजस मार्क-2' है जो कि 56 हजार से ज्यादा फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इसे रूसी फाइटर मिग-21 (MiG-21) से बेहतर विकल्प माना जाता है.
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