Aero India 2023: पुलवामा हमले और बालाकोट एयर-स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी वायु सेना के साथ हुई डॉग फाइट के बाद भारतीय वायु सेना इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर की तैयारी में जुटी है. ये जानकारी वायु सेना के डिप्टी चीफ, एयर मार्शल एन तिवारी ने मंगलवार( 14 फरवरी) को दी. बेंगलुरु में चल रहे एयरो इंडिया शो में एबीपी न्यूज ने डिप्टी चीफ से खास बातचीत की है.


एयर मार्शल तिवारी ने बताया कि पाकिस्तान के साथ हुई डॉग फाइट के बाद भारतीय वायु सेना ने तीन तरह से अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का काम किया है. पहला है अपने पुराने पड़ चुके लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करके. इसके तहत मिराज 2000, मिग 29 और सुखोई लड़ाकू विमानों को अपग्रेड कर नए मिसाइलों और एवियोनिक्स से लैस किया गया है. इसके अलावा नए हथियारों और लॉन्ग रेंज मिसाइलों को भी वायु सेना में शामिल किया गया है. डिप्टी चीफ के मुताबिक, स्वदेशी एयर टू एयर अस्त्रा मिसाइल और एंटी-रेडिएशन, रूद्रम मिसाइल जैसी लॉन्ग रेंज मिसाइल अब वायु सेना का हिस्सा बन गई हैं. 


एयर स्ट्राइक क्यों हुई थी? 
आपको बता दें कि पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए 26 फरवरी 2019 को भारत ने पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर बड़ी एयर स्ट्राइक की थी. भारतीय वायु सेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमान ने बालाकोट में जैश के आतंकी कैंप पर बमबारी कर बड़ी संख्या में आतंकियों को ढेर कर दिया था. इस एयर स्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने अगले दिन भारत पर हवाई हमला करने की कोशिश की थी, लेकिन वायु सेना ने इस विफल कर दिया था. 


वायु सेना में किसे शामिल किया जाएगा? 
वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन ने डॉग फाइट में पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था. हालांकि, मिग-21 भी क्रैश हो गया था और विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने बंधक बना लिया था, लेकिन दवाब बनने के बाद पाकिस्तान ने अभिनंदन को बिना किसी शर्त के रिहा कर दिया था. माना जाता है कि पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन के मिग-21 को जैम कर दिया था जिसके चलते वे अपने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का आदेश नहीं सुन सके थे और पीओके में दाखिल हो गए थे. यह ही वजह है कि भारतीय वायु सेना अब इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर में अपनी क्षमताएं बढ़ाने में जुटी है. वायु सेना के डिप्टी चीफ ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर से जुड़े सिस्टम तैयार हो चुके हैं और जल्द ही उन्हें वायु सेना में शामिल किया जाएगा. 



'पहले से बेहतर हुई'
एयर मार्शल तिवारी ने ये भी बताया कि निकट भविष्य में भारतीय वायु सेना स्वदेशी एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA), एलसीके मार्क 1ए और एलसीए मार्क-2 जैसे विमानों को अपनी फाइटिंग स्क्वाड्रन शामिल किए जाएंगे. इसके अलावा मेक इन इंडिया के तहत 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमएफआरए) के लिए भी वायु सेना कोशिश कर रही है. डिप्टी चीफ ने टू-फ्रंट यानि चीन और पाकिस्तान के खिलाफ एक साथ तैयारियों पर कहा कि हमारी तैयारियां पहले से बेहतर हुई हैं और निकट भविष्य में और अधिक बेहतर हो जाएंगी. इसलिए वायु सेना की सैन्य तैयारियों पर किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए. 


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