एयरो इंडिया शो शुरू होने से पहले भारत की आत्मनिर्भरता का अनूठा प्रदर्शन, जानिए क्या है खास!
Aero India Show 2021 Bangalore: एयरो इंडिया शो में सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र भारत का सबसे पहला सेमी स्टील्थ ड्रोन का मॉडल है. वॉरियर नाम का ड्रोन स्वदेशी कार्यक्रम कांबैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS) का हिस्सा है. यह मानव और मानवरहित प्लेटफॉर्म में इस्तेमाल किया जा सकता है.
बेंगलुरू में शुरू हो रहे एशिया के सबसे बड़े एयरो-शो "एयरो इंडिया 2021" के 13वें एडिशन में आत्मनिर्भर भारत का सटीक नज़ारा देखने को मिल रहा है. आज हुए फूल ड्रेस रिहर्सल में 'आत्मनिर्भर फॉर्मेशन फ्लाईट' देखने को मिला. इस फॉर्मेशन में भारत द्वारा भारत में बने एयरक्राफ्ट्स ने आकाश में अपनी शक्ति दिखाई. इस फॉर्मेशन में सबसे पहले एलसीए तेजस, जिसके बाद दो HTT-40 ट्रेनर एयरक्राफ्ट, 1 hawk-i, IJT का 1 एयरक्राफ्ट और आखिर में Dornier 228 शामिल था. ये तस्वीरें हर भारतीय के दिल में गर्व भरने वाली है. इसके अलावा सबसे दिलचस्प सारंग और सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम का कंबाइन डिस्प्ले भी रहा.
हर साल ये दोनों टीम अपना अलग अलग डिस्प्ले करती है लेकिन यह पहली बार है जब दोनों टीम का एक साथ प्रदर्शन देखने को मिला है. इसके अलावा सुखोई -30 MKI, रफाल, LCH, LUH, Mi-17, C-17 ग्लोबमास्टर, जगुआर, AEWC एयरक्राफ्ट ने अपना दमखम दिखाया. इसके अलावा 1947 भारत पाक युद्ध में मजबूत दावेदारी निभाने वाला विंटेज डकोटा (परशुराम) एयरक्राफ्ट भी इस एयरो इंडिया शो में हिस्सा ले रहा है.
इस बार के एयरो इंडिया शो में सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र भारत का सबसे पहला सेमी स्टील्थ ड्रोन का मॉडल है. वॉरियर नाम का ड्रोन स्वदेशी कार्यक्रम कांबैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS) का हिस्सा है. यह मानव और मानवरहित प्लेटफॉर्म में इस्तेमाल किया जा सकता है. यह वॉरियर स्वदेशी लाइट कंबेट एयरक्राफ्ट तेजस के साथ उड़ाया जाएगा जो कि युद्ध के हालात में तेजस की रक्षा करेगा और दुश्मन से बराबरी का मुकाबला भी करेगा. इसका पहला प्रोटोटाइप तीन से पांच साल में बनने की उम्मीद है.
इस वॉरियर ड्रोन को बनाने के पीछे आइडिया दरअसल यह है कि हर हवाई मिशन पूरी तरह सफल रहे और पायलट की जिंदगी सुरक्षित रहे. लिहाजा पायलट के साथ ड्रोन की पूरी कमांड रहेगी, जो उसके सुरक्षा कवच का काम करेगी. वॉरियर हवा से हवा में और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस होगा. ताकि हवा और जमीन दोनों जगह पर दुश्मन को जवाब दिया जा सके.
दो साल में एक बार होने वाले इस एयरो-शो में भारत अपने स्वदेशी हथियार, फाइटर जेट्स और मिसाइलों की प्रर्दशनी दुनिया के लिए लगाने वाला है, साथ ही दुनियाभर की बड़ी एयरो-स्पेस कंपनियां भी भारत के साथ मिलकर भारत में ही अपने हथियारों का उत्पादन करने के लिए पहुंच रही हैं.
13वें एयरो इंडिया शो के लिए अब तक देश-विदेश की कुल 601 कंपनियां तीन दिनों तक बेंगलुरू में होने वाली प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कर चुकी हैं 523 भारतीय, 14 देशों की 78 विदेशी कंपनियां है. इनमे से 248 एग्जीबिटर्स वर्चुअली हिस्सा लेंगी.
कोविड-प्रोटोकॉल के चलते इस बार एयरो-शो में आम लोगों को आने की इजाजत नहीं होगी. लोगों को वर्चुअल माध्यम से शो दिखाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने खास इंतजाम किए हैं. इस बार के एयरो इंडिया शो को हाइब्रिड शो का नाम दिया गया है.
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