Aero India Show 2023: करीब 7000 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में अमेरिका के स्ट्रेटेजिक बेस, गवाम से  'बी-1बी बोन'' बॉम्बर बेंगलुरु के आसमान मेंं दिखाई पड़ा. ये बॉम्बर एयरो शो में आयोजित फ्लाइंग डिस्प्ले का हिस्सा बना. इस एरियल डिस्प्ले में अमेरिका के एफ-35 और एफ-16 विमानों ने भी हिस्सा लिया. 


इसके अलावा भारतीय वायु सेना के राफेल लड़ाकू विमान ने शिरकत की. करीब ढाई घंटे चले एरियल डिस्प्ले में शो स्टॉपर रहा अमेरिकी बॉम्बर जो सबसे आखिर में आसमान में दिखाई पड़ा. दरअसल, चीन को अपनी मारक क्षमता दिखाने और भारत के साथ दोस्ती के मायने सिखाने बी-1बी बेंगलुरु पहुंचा. दक्षिण चीन सागर में चाइना की हिमाकत पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका ने फिलीपिंस के समंदर में स्थित गवाम द्वीप पर अपने स्ट्रेटेजिक बॉम्बर का पूरा बेस तैयार किया हुआ है. और उसी गवाम द्वीप से उड़ान भरते हुए एक बी-1बी बॉम्बर बेंगलुरु के एयरो इंडिया मेंं फ्लाइ पास्ट करते हुए गुजरे. 


हैवी बॉम्बर बी-1बी क्या खासियत है? 


हैवी बॉम्बर बी-1बी की ख़ासियत की बात करें तो इसकी अधिकतम रफ्तार 2.2 मैक है और ये अपने विंग पर 23000 किलो के बम और अंदर 32000 किलो वजन तक के बम लेकर उड़ान भर सकता है. करीब 40 हज़ार फ़ीट की उंचाई पर 1300 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से उड़ान भर कर दुनिया के किसी भी कोने में पहुंच सकता है ये बॉम्बर. हालांकि शुरुआत मेंं ये एक न्यूक्लियर बॉम्बर था लेकिन अब ये कंनवेंशन्ल एयरक्राफ्ट है. 


समीकरण क्यों बदले? 


पिछले दो साल जिस तरीके से चीन के साथ हालात बदले जिसमें चाइना और भारत के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव और ताइवान के साथ साउथ चाइना सी में उसने सभी समीकरण को बदल दिया. चीन के साथ विवाद के दौरान अमेरिका खुलकर भारत से साथ खड़ा दिखाई तो ताइवान के साथ देने के नाम पर तो यूएस ने चीन के साथ जंग जैसे हालात बना दिए.


चीन को क्या संदेश दिया? 


एशिया के सबसे बड़े शो का हिस्सा बनकर अमेरिका ने एक तरह से चीन को संदेश देने की कोशिश की है. कहा जाता है कि अगर चीन और ताइवान के साथ जंग होती है तो चीन का सबसे पहला निशाना होगा ग्वाम. समुद्र में चीन पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका भारत ऑस्ट्रेलिया और जापान से क्वाड का गठन किया है. हिंदुस्तान के पास अमेरिका की तरह कोई बॉम्बर नहीं है. जानकार मानते हैं कि इस तरह के लॉन्ग रेंज बॉम्बर की इंडिया को जरूरत नहीं है.


एफ-16 अमेरिका क्यों लेकर आया? 


भारत में आयोजित एयरो इंडिया में अपनी मारक क्षमता दिखाने और हिंदुस्तान के साथ दोस्ती के मायने सिखाने अमेरिका के कुल चार विमान पहुंचे हैं. बॉम्बर के अलावा फिफ्थ जेनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35, एफ 16 और एफ-18 सुपर होरनेट भी पहुंचे हैं. बेंगलुरु में बुधवार (15 फरवरी) को एफ 16 और एफ 35 ने भी  हिस्सा लिया. एफ 16 दुनिया में सबसे ज्यादा उड़ने वाले लड़ाकू विमान हैं. अमेरिका वायु सेना सहित नाटो और दुनिया में बड़ी संख्या में एफ16 का इस्तेमाल होता है. पाकिस्तान भी इन एफ-16 फाइटर जेट को इस्तेमाल करता है.


बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान जब भारत के साथ डॉग फाइट हुई थी तो पाकिस्तानी वायु सेना ने  एफ-16 से हमला करने की कोशिश की थी. हालांकि विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने मिग-21 से पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया था. एफ-16 को अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन कंपनी बनाती है लेकिन जानकारी के मुताबिक, इन विमानों को यूएस सरकार गुडविल जेस्चर के तहत एयरो इंडिया में लेकर आई है.


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