Afghan Woman Wins Gold Medal: अफगानिस्तान की एक स्टूडेंट ने गुजरात की यूनिवर्सिटी में एमए कोर्स में गोल्ड मेडल जीता है. छात्रा का नाम रजिया मुरादी है. रजिया मुरादी को अपनी कामयाबी पर बेहद नाज है. उनका मानना है कि वो "अफगानिस्तान की उन महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं जो शिक्षा से वंचित हैं." रजिया ने TOI से कहा, "मैं तालिबान को बताना चाहती हूं कि अगर मौका दिया जाए तो महिलाएं भी किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं, ये तालिबान को मेरा जवाब है."


अफगान महिला मुरादी ने सोमवार (6 मार्च) को वीर नर्मदा दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय (VNSGU) के दीक्षांत समारोह में एमए (पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन) में स्वर्ण पदक जीता. उनको एमए में 8.60 का सीजीपीए मिला है, जो इस विषय में सर्वोच्च स्कोर है. बता दें कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने की वजह से रजिया मुरादी पिछले तीन सालों से अपने परिवार से नहीं मिल पाई हैं.


अब PHD कर रहीं हैं रजिया मुरादी


रजिया मुरादी ने अप्रैल 2022 में एमए पूरा किया और अब लोक प्रशासन में पीएचडी कर रही हैं. गोल्ड मेडल जीतने पर रजिया मुरादी ने कहा, "मैंने नियमित रूप से लेक्चर अटेंड किए और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया." MA में गोल्ड मेडल के अलावा, उन्होंने दीक्षांत समारोह में शारदा अंबेलल देसाई पुरस्कार भी जीता. 


तालिबान पर साधा निशाना


रजिया मुरादी ने तालिबान सरकार पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि ये शर्मनाक है कि तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं के शिक्षा प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने कहा कि भारत ने सरकार ने मुझे यह अवसर दिया, जिसके लिए मैं आभारी हूं. रजिया ने कहा, "मैं भारत के लोगों का भी धन्यवाद करती हूं."


'मेरे परिवार के लोग बहुत खुश होंगे'


रजिया मुरादी ने टीओआई से कहा, "मैं पदक के लिए खुश हूं, लेकिन मैं तीन साल तक अपने परिवार से नहीं मिल पाने के लिए दुखी हूं. मैं उनसे फोन पर जरूर बात करूंगी और मेडल जीतने के बारे में बताऊंगी, वो इससे बहुत खुश होंगे." बता दें कि अफगानिस्तान के लगभग 14,000 छात्र अब भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) और अन्य संस्थानों से छात्रवृत्ति मिलने के बाद भारत में शिक्षा हासल कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें- 'विदेश जाकर आपको क्या हो जाता है, सारी शर्म...', राहुल गांधी के बयानों पर भड़के रविशंकर प्रसाद का सवाल