(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Afghanistan Crisis: एयरस्पेस बंद, दिल्ली से काबुल जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट रद्द
अफगानिस्तान में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. हालांकि राजनयिकों सहित कई भारतीय नागरिकों को वहां से निकाल लिया गया है.
नई दिल्ली: एयर इंडिया ने सोमवार को दिल्ली से काबुल जाने वाली अपनी फ्लाइट रद्द कर दी है. क्योंकि अफगानिस्तान की राजधानी के ऊपर का एयरस्पेस बंद कर दिया गया है. काबुल एयरस्पेस में एंट्री करने से पहले आने वाले और वहां से निकलने वाले नागरिक विमानों को फिर से रूट करने की सलाह देते हुए एक नोटम (वायुसैनिकों को नोटिस) जारी किया गया था.
फ्लाइट मूल रूप से सुबह 8.30 बजे प्रस्थान करने वाली थी, हालांकि एयर इंडिया जो स्थिति की निगरानी कर रही थी, उसने दोपहर 12.30 बजे उड़ान संचालित करने का निर्णय लिया. नोटम के अनुसार, एयरस्पेस को सेना के लिए जारी कर दिया गया है और एयरस्पेस में एंट्री करने वाले नागरिक विमानों को काबुल एटीसी से सहायता नहीं मिलेगी.
काबुल से 129 यात्रियों को लेकर आया एक विमान
इससे पहले रविवार शाम काबुल से 129 यात्रियों को लेकर एयर इंडिया का एक विमान दिल्ली में उतरा था. एआई 244 ने काबुल एयरपोर्ट से शाम 6.06 बजे उड़ान भरी थी. रविवार को जब तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी पहुंचे और सत्ता संभालने की कगार पर थे, तब यह उड़ान संचालित की गई. अफगानिस्तान की स्थिति पर निराशा व्यक्त करते हुए विमान से उतरी एक महिला ने रविवार को दिल्ली में कहा, 'दुनिया ने अफगानिस्तान को छोड़ दिया है. हमारे दोस्त मारे जा रहे हैं.'
यात्रियों में काबुल में भारतीय दूतावास में तैनात राजनयिक और सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं. अफगानिस्तान में रविवार को स्थिति और खराब हो गई, क्योंकि काबुल पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था. इसके अलावा, राष्ट्रपति अशरफ गनी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मुहिब और राष्ट्रपति फजल महमूद फाजली के प्रशासनिक कार्यालय के प्रमुख के साथ ताजिकिस्तान के लिए अफगानिस्तान से रवाना हुए.
अफगान मीडिया ने बताया कि कुछ सांसद भी इस्लामाबाद भाग गए हैं, जिनमें अफगान संसद के अध्यक्ष मीर रहमान रहमानी, यूनुस कानूनी, मुहम्मद मुहकक, करीम खलीली, अहमद वली मसूद और अहमद जि़या मसूद शामिल हैं. जब से अमेरिकी सैनिकों ने युद्ध से तबाह देश से बाहर निकाला है, तालिबान पिछले कुछ हफ्तों में प्रांतों को अपने नियंत्रण में ले रहा है, जिससे विश्व स्तर पर चिंता बढ़ रही है.
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