Afghanistan Crisis: काबुल पर तालिबान के नियंत्रण के साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि नई दिल्ली अफगानिस्तान में बदलते घटनाक्रम पर ‘‘काफी सावधानीपूर्वक’’ नजर रख रहा है और भारत का ध्यान युद्धग्रस्त राष्ट्र से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर है. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (अफगानिस्तान की स्थिति) यहां मेरी वार्ताओं के केंद्र में है, संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अन्य सहयोगियों के साथ ही अमेरिका के विदेश मंत्री से भी इस पर चर्चा कर रहा हूं.’’


उन्होंने ‘पीटीआई’ के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘इस वक्त हम दूसरों की तरह अफगानिस्तान में बदलते घटनाक्रम पर सावधानीपूर्वक नजर बनाए हुए हैं. हमारा ध्यान अफगानिस्तान में सुरक्षा सुनिश्चित करने और वहां मौजूद भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर है.’’ वह सोमवार को न्यूयॉर्क पहुंचे क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने अफगानिस्तान की स्थिति पर आपातकालीन बैठक की. दस दिनों के अंदर संयुक्त राष्ट्र के शक्तिशाली निकाय ने युद्धग्रस्त देश की स्थिति पर चर्चा के लिए भारत की अध्यक्षता में बैठक की.


इधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन का कार्य विभिन्न चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी जारी है जिसमें आतंकवादी, सशस्त्र समूहों और राज्य-विरोध तत्वों से मुकाबला शामिल है. साथ ही उन्होंने शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षमताओं को मजबूती देने की आवश्यकता पर बल दिया. 


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में प्रौद्योगिकी एवं शांति स्थापना पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस की अध्यक्षता की जिसका विषय 'रक्षकों की रक्षा' रहा. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस भी मौजूद रहे. अपने संबोधन के दौरान जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका को रेखांकित किया और शांति बनाए रखने में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला. 


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