Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान के हालात पर पीएम मोदी ने आज बैठक की. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सीडीएस जनरल बिपिन रावत मौजूद रहे. पीएम मोदी ने ऐसे समय में बैठक की है जब तालिबान आज ही दावा किया है कि उसने पंजशीर पर भी कब्जा कर लिया है. हालांकि पंजशीर में तालिबान विरोधी अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने दावों को खारिज किया है. अहमद मसूद ने कहा है कि लड़ाई अब भी जारी है.
मुजाहिद ने कहा, ‘‘ हम पंजशीर के माननीय निवासियों को आश्वासन देते हैं कि उनके साथ किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा, सभी हमारे भाई हैं और हम सभी को देश की सेवा तथा समान हितों के लिए काम करेंगे.’’ बता दें कि 15 अगस्त को तालिबान ने पंजशीर समेत पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. तालिबान के लड़ाकों को काबुल की तरफ बढ़ता देख राष्ट्रपति अशरफ गनी देश थोड़कर चले गए थे.
इसके बाद तालिबान ने पंजशीर की तरफ रुख किया. यहां तालिबान और अहमद मसूद के नेतृत्व वाले नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) के लड़ाकों के बीच संघर्ष बढ़ गया. तालिबान के कई प्रतिनिधिमंडलों ने वहां के कुछ प्रमुख नेताओं से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे थे. तालिबान विरोधी गुट के प्रवक्ता फहीम दशती की भी रविवार को संघर्ष में मौत हो गई. पंजशीर में तालिबान विरोधी लड़ाकों का नेतृत्व पूर्व उपराष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह भी कर रहे हैं.
पंजशीर में कब्जे के दावों के बीच तालिबान ने सरकार गठन के लिए भी तैयारी शुरू कर दी है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में नई सरकार के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए चीन, पाकिस्तान, रूस, तुर्की, ईरान और कतर को न्योता भेजा गया है.
अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार का नेतृत्व संगठन के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कर सकते हैं. तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर काबिज होने के बाद दूसरी बार, काबुल में नयी सरकार के गठन की घोषणा स्थगित की है. यही नहीं तालिबान के शीर्ष धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुनजादा अफगानिस्तान के सुप्रीम लीडर होंगे.