Afghanistan Crisis: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में बदलते समीकरण को वे एक चुनौती मानते हैं. उन्होंने कहा कि हम अपनी रणनीति में भी बदलाव ला रहे हैं. क्वाड का गठन जो कि भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया को मिलाकर बना है, इसी रणनीति के अंतर्गत ही इसका गठन किया गया है. रविवार को तमिलनाडु के ऊटी के पास वेलिंगटन में 'डिफेंस सर्विसेस स्टाफ कॉलेज' में अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही.
हम पूरी दुनिया को अपना परिवार मानते हैं
भारत की क्षमता होने के बाद भी भारत ने किसी भी पड़ोसी देश पर आक्रमण नहीं किया है और ना ही किसी पड़ोसी देश की एक इंच ज़मीन पर कब्ज़ा किया है, ऐसा भारत का इतिहास रहा है. हम लोगों ने पूरी दुनिया को अपना परिवार माना है. रक्षा मंत्री ने आगे कहा, “भारत-चीन सीमा गतिरोध के दौरान, जब चीनी सेना आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी, मैंने लगभग 11 बजे सेना प्रमुख से बात की... स्थिति बहुत गंभीर थी. उस स्थिति में भी हमारी सेना ने जिस तरह समझदारी भरा व्यवहार किया वह काबिले तारीफ है.”
राजनाथ सिंह ने कहा, “इसके साथ, हमारे सुरक्षा बलों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हम किसी भी समय और किसी भी स्थिति में किसी भी दुश्मन का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, चाहे कोई भी कीमत क्यों न हो.”
रक्षा मंत्री ने कहा कि जब से हमारा देश आजाद हुआ है तब से ही विरोधी ताकतों का यह प्रयास रहा है, कि वे किसी न किसी माध्यम से देश के भीतर अस्थिरता का माहौल पैदा कर सकें. पिछले 75 साल के इतिहास को उठाकर देखें, तो लगता है कि चुनौतियां मानों हमें विरासत में मिली हों. हमारे देश के सामने आने वाली चुनौतियों के नमूनों में यह एक बड़ा बदलाव था. मुझे यह कहते हुए ख़ुशी होती है, कि इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए हमने अपनी सुरक्षा नीतियों में बड़ा परिवर्तन किया. एक नई गतिशीलता के तहत हमने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपने रवैये को प्रो-एक्टिव बनाया है. भारत की सीमा पर चुनौतियों के के बावजूद, आम आदमी को विश्वास है कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा. यह विश्वास धीरे-धीरे दृढ़ होता चला गया, कि भारत अपनी जमीन पर तो आतंक का खात्मा करेगा ही, जरूरत पड़ने पर उनकी जमीन पर जाकर भी वार करने से पीछे नहीं हटेगा.
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