Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अगली सरकार का स्वरूप कैसा हो? इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए तालिबान के नेता अनस हक्कानी ने आज काबुल में पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, हाई पीस काउंसिल के चेयरमैन डॉ अब्दुल्ला और पूर्व मुजाहिद्दीन नेता गुलबदीन हेकमतियार के साथ बैठक की. बता दें कि पिछले दिनों काबुल पर तालिबान के कब्जे के बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर चले गए थे. अब मुल्ला अब्दुल गनी बिरादर अफगानिस्तान का राष्ट्रपति हो सकता है. बरादर तालिबान के राजनीतिक विंग का मुखिया है. 


बता दें कि 3 दिनों पहले ABP News ने खबर बताई थी कि अफगानिस्तान में नई सरकार बनाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, हाई पीस काऊंसिल के चेयरमैन डॉ अब्दुल्ला और पूर्व मुजाहिद्दीन नेता गुलबदीन हेकमतियार काबुल पहुंच रहे हैं और तालिबानी नेताओं से बातचीत करेंगे.


कल ये खबर आई थी कि तालिबानी नेता फिलहाल काबुल नहीं आ रहे हैं लिहाज़ा गुलबदीन हेकमतियार ने ऐलान किया था कि तीनों नेता दोहा जाकर तालिबानी नेतृत्व से मुलाकात करेंगे, लेकिन फिर प्लान में तब्दीली आई और तालिबानी नेता मुल्ला बरादर अफगानिस्तान पहुंचा और उसके बाद आज अनस हक्कानी ने इन तीनों नेताओं से मुलाकात की.


अफगान सरकार के सूत्रों ने ABP News को बताया था कि ये तीनों नेता तालिबानी नेतृत्व को समझाएगा कि अफगानिस्तान में सभी पक्षों को साथ लेकर साझा व्यापक सरकार बनानी चाहिए, इससे तालिबानी नेतृत्व वाली सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मिल सकेगी.


तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को कहा था कि हम ऐसी सरकार चाहते हैं जिसमें सभी पक्ष शामिल हों.


तालिबान का डर


अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के तेजी से कब्जा जमाने के बाद हजारों लोग देश छोड़कर भागने की जुगत में हैं. उन्हें 20 साल पहले के तालिबान के आतंक का डर है. हालांकि तालिबान का कहना है कि महिलाओं को इस्लामी कानून के तहत अधिकार प्रदान किए जाएंगे.


तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वह अपने दुश्मनों को निशाना नहीं बनाएगा, ऐसी खबरें भी हैं कि लड़ाकों के पास उन लोगों की सूची है जिन्होंने सरकार का सहयोग किया और उन्हें वह ढूंढ रहे हैं.


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