Afghanistan News: अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की मदद के लिए विदेश मंत्रालय ने स्पेशल अफगानिस्तान सेल बनाया है. मंत्रालय ने इसके ज़रिए मदद मांगने वालों के लिए कॉन्टेक्ट डिटेल्स जारी की है. 


मंत्रालय ने इसके लिए अपडेटेट मोबाइल नंबर जारी किया है, जिसपर 24 घंटे सातों दिन मदद की मांग की जा सकती है. मंत्रालय ने लोगों से अपील की, "सभी भारतीय नागरिक जो अफगानिस्तान में मदद की आस में हैं, और अभी तक मदद नहीं मांगी है, वो स्पेशल अफगानिस्तान सेल से राबता कायम कर सकते हैं." 


विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरंदिम बागची ने आज स्पेशल अफगानिस्तान सेल में जोड़ गए अतिरिक्त नंबरों को अपने ट्विटर पर साझा किया. इससे पहले उन्होंने 17 अगस्त को भी मदद के लिए कई नंबर जारी किए थे.


अपडेटेड जानकारी
फोन नंबर्स: +91-11-49016783, +91-11-49016784, +91-11-49016785 
वाट्सएप नंबर्स: +91 8010611290, +91 9599321199, +91 7042049944
ई-मेलl: SituationRoom@mea.gov.in


 






विदेश मंत्रालय ने 16 अगस्त को ‘विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ’ की स्थापना की थी ताकि व्यवस्थित तरीके से अफानिस्तान से वापसी और अन्य अनुरोधों के संबंध में समन्वय स्थापित किया जा सके.


मामले से परिचित लोगों का कहना है कि इस प्रकोष्ठ में विदेश मंत्रालय के युवा अधिकारी 24 घंटे काम कर रहे हैं और उनका मार्गदर्शन वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं. इसमें 20 से अधिक अधिकारियों को लगाया गया है.


गौरतलब है कि इसी महीने अमेरिकी सैनिकों के वापस लौटने के बीच तालिबान ने अफगानिस्तान के सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया.


मंगलवार को भारत ने अफगानिस्तान की राजधानी से सभी राजनयिकों एवं अन्य कर्मियों को वापस निकालने का काम पूरा कर लिया. भारतीय राजदूत एवं कर्मियों सहित करीब 200 लोगों को दो सैन्य विमानों से बाहर निकालने का काम अमेरिका की मदद से पूरा किया गया.


विदेश मंत्रालय का कहना है कि अब पूरा ध्यान अफगानिस्तान की राजधानी से सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालना सुनिश्चित करने पर होगा.


जो बाइडेन ने तालिबान का फिर किया जिक्र


अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि तालिबान नहीं बदला है, लेकिन अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लेने के बाद वे इस बात को लेकर अस्तित्व के संकट से गुजर रहे हैं कि क्या वे वैश्विक मंच पर वैधता चाहते हैं. बाइडेन ने एक इंटरव्यू में कहा कि वो इस संबंध में निश्चित नहीं हैं कि तालिबान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा एक वैध सरकार के रूप में मान्यता प्राप्त करना चाहता है.


बाइडेन ने अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ व्यवहार के बारे में जतायी जा रही चिंता को भी तवज्जो नहीं दिया और दलील दी कि सैन्य बल के माध्यम से दुनिया भर में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने की कोशिश "तर्कसंगत नहीं" है. इसके बदले, मानवाधिकारों का हनन करने वालों पर व्यवहार बदलने के लिए "राजनयिक और अंतरराष्ट्रीय दबाव" दिया जाना चाहिए.



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