Afghanistan Situation: सरकार ने फिलहाल 'वेट एंड वॉच' की नीति अपनाई, विपक्ष ने आतंकवाद बढ़ने आशंका जाहिर की
सर्वदलीय बैठक के दौरान मुख्य चर्चा अभी तक इसी बात को लेकर ही हुई है कि कैसे भारत सरकार ने अफगानिस्तान से लोगों को निकाला है और आगे की क्या योजना है.
Afghanistan Situation: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आज मोदी सरकार विपक्ष के नेताओं को अफगानिस्तान की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी दे रही है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि बैठक में अभी सभी विपक्षी दल एक-एक कर सरकार से अपनी बात रख रहे हैं और सवाल पूछ रहे हैं. इस बैठक के दौरान मुख्य चर्चा अभी तक इसी बात को लेकर ही हुई है कि कैसे भारत सरकार ने अफगानिस्तान से लोगों को निकाला है और आगे की क्या योजना है.
लोगों को निकालने की तैयारी की जा रही है- सरकार
अफगानिस्तान के साथ विदेश नीति को लेकर फिलहाल बताया गया कि अभी दुनियाभर के देश वेट एंड वॉच पॉलिसी अपना रहे हैं और वही नीति भारत ने भी अपनाई हुई है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने बैठक में जानकारी दी कि उसने अफगानिस्तान में फंसे लोगों से संपर्क साधा है और जो भी लोग निकलना चाहते हैं उनको निकालने की तैयारी की जा रही है.
विपक्ष ने देश में आतंकवाद बढ़ने की आशंका जताई
वहीं, इस बैठक में विपक्ष ने तालिबान के आने के बाद सीमा पार से आतंकवाद बढ़ने को लेकर भी आशंका जाहिर की. इसके अलावा भारत में जो अफगानिस्तान के छात्र रह रहे हैं, उनको लेकर भी किस तरह की स्थिति और फैसले लिए जा रहे हैं. उस पर भी सरकार से जवाब मांगे गए हैं. भारत के अफगानिस्तान में जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं, उनको लेकर सरकार क्या योजना तैयार कर रही है? और उसको लेकर क्या बातचीत हुई है? उस पर भी विदेश मंत्री से सवाल पूछे गए हैं.
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की तरफ से यह सवाल उठाए जाते रहे हैं कि सरकार तालिबान के साथ हो रहे संपर्क और संवाद को लेकर तथ्य सामने रखे. इसके अलावा अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी और बदली स्थिति में भारत के सामने मौजूद विदेश नीति विकल्पों पर भी सबको भरोसे में ले.
बता दें कि बैठक में विपक्ष की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टी आर बालू, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल सहित कुछ अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर विदेश मंत्रालय ने सभी दलों की बैठक बुलाई थी.