Afghanistan News: अफगानिस्तान में बिगड़े हालात, भारत के मेडिकल टूरिज्म पर असर पड़ने की आशंका
Afghanistan News: ज्यादातर अफगानिस्तान के लोग बेहतर और अच्छे इलाज के लिए भारत का रुख करते रहे हैं लेकिन अब इसमें कमी आई है और जिस तरह के हालात हैं, आने वाले वक्त में इसमें और कमी आने की आशंका है.
Afghanistan News: अफगानिस्तान में बिगड़े हालात के बीच उन लोगों के सामने भी एक चुनौती खड़ी हो गई है जो बेहतर इलाज कराने भारत आते हैं. हर साल अफगानिस्तान से इलाज के लिए करीब 30 हजार लोग मेडिकल वीजा पर भारत आते है. पहले कोविड की वजह से लॉकडाउन और अब अफगानिस्तान के हालात की वजह से वहां के लोगों के लिए इलाज करवाने में अभी भी दिक्कत है. ऐसे में न सिर्फ अफगानिस्तान के लोगों को इलाज में दिक्कत होगी बल्कि इससे भारत के मेडिकल टूरिज्म की इकॉनोमी पर असर पड़ने की आशंका है.
अफगानिस्तान के हालात किसी से छुपे हुए नहीं है. हर दिन वहां की तस्वीर हालात बता रही है. लोग परेशान हैं. वहीं परेशानी एक और है वो है इलाज. पिछले कुछ सालों में अफगानिस्तान से भारत में इलाज करवाने आने वालों की संख्या बढ़ी है. ज्यादातर अफगानिस्तान के लोग बेहतर और अच्छे इलाज के लिए भारत का खासकर राजधानी दिल्ली का रुख करते रहे हैं लेकिन इसमें कमी आई है और जिस तरह के हालात हैं, आने वाले वक्त में इसमें और कमी आने की आशंका है.
अभी देखी गई कमी
अफगानिस्तान से दिल्ली एनसीआर में इलाज करवाने आने वाले मरीज मैक्स हेल्थकेयर के अस्पतालों में आते हैं. यहां वो दिल की बीमारी, कैंसर, लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट जैसी बीमारी के इलाज के लिए आते हैं लेकिन पिछले साल कोरोना और अब अफगानिस्तान हालात की वजह से इसमें कमी देखी गई है. मैक्स अस्पताल साकेत के कार्डियो कैथ और कार्डियो साइंस डिपार्टमेंट डॉ. विवेक कुमार के मुताबिक मरीजों की संख्या में कमी आई है. साथ ही जिनका इलाज हुआ है वो रूटीन चेकअप के लिए नहीं आए हैं. वहीं कुछ मरीज जिन्हें इलाज के लिए आना था वो भी अब आ पाएंगे या नहीं ये साफ नहीं है.
इसी तरह मैक्स हेल्थकेयर में कैंसर के इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है और आने वाले समय में और कमी आ सकती है. कुछ ऐसे ही हालात दिल्ली के आकाश हेल्थकेयर में भी है. जहां साल भर में 300 से 350 मरीज अफगानिस्तान से इलाज के लिए आया करते थे. उसमे भी कमी आई है. पहले कोरोना और अब वहां के हालात इसकी वजह हैं.
पीएचडी चैम्बर के अध्यक्ष संजय अग्रवाल के मुताबिक भारत हर साल करीब 35 हजार अफगानिस्तान के लोगों को इलाज के लिए मेडिकल वीजा देता है. उनके मुताबिक इसे मेडिकल इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा. लेकिन यहां सवाल महज भारत की आमदनी घटने का ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान की उन जिंदगियों का भी है, जो समय पर सही इलाज न मिलने से दम तोड़ सकते हैं.
भारत में इलाज करवाने की तीन प्रमुख कारण
एक जानकारी के मुताबिक साल 2016 में विदेश से भारत में इलाज कराने वालों की संख्या करीब 4 लाख 27 हजार थी. इसके बाद सबसे ज्यादा 2019 में करीब 7 लाख लोग इलाज कराने भारत आए. जानकरों के मुताबिक भारत में इलाज करवाने के लिए आने के तीन प्रमुख कारण है. पहला कारण है कॉम्पिटेंसी. भारत में मेडिकल फ्रेटरनिटी कॉम्पिटेंसी है कि लोग यहां इलाज कराना चाहते हैं. दूसरा कारण है कि इलाज सस्ता है. दूसरे और पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में इलाज काफी सस्ता है. तीसरा और जो महत्वपूर्ण कारण है कि हमारे यहां ज्यादा वेटिंग नहीं है.
वहीं अब अफगानिस्तान के मौजूदा हालात की वजह से भारत के हेल्थ सेक्टर में भी इकॉनोमी इम्पैक्ट होगा. हालांकि उसे ज्यादा असर अफगानिस्तान के लोगों पर पड़ेगा जो बेहतर अच्छे इलाज के लिए अपने देश से दूर भारत आते थे.
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