Afghanistan: अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान शासन( Taliban) आने के बाद से गुरुद्वारों (Gurudwara ) पर आतंकी हमले बढ़ गए हैं. इसी कारण सिख लोग भारत से शरण मांग रहे हैं. केंद्र की मोदी सरकार मदद कर भी रही है. बता दें कि राजधानी काबुल में 27 जून को गुरुद्वारा कार्ते परवान के प्रमुख गेट के पास एक बम विस्फोट हुआ था. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बयान जारी कर हमले की निंदा की थी.
बढ़ते आतंकी हमले को देखते हुए काबुल के गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष और अफगान सिख नेता गुरनाम सिंह राजवंशी (Gurnam Singh Rajwanshi) भारत आ गए हैं. अफगान सिख नेता गुरनाम सिंह ने इस दौरान भारत सरकार का शुक्रिया करते हुए कहा, 'मैं शुक्रवार को अपने परिवार के 8 सदस्यों के साथ हिंदुस्तान आ गया हूं. हमारे गुरुद्वारे बलास्ट में तबाह कर दिए गए. अफगानिस्तान में अब सिर्फ 100 हिंदू सिख बचे हुए हैं.'
इससे पहले भी कार्ते परवान पर हमले हो चुका है. इसकी जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने ली थी. इसमें सिख समुदाय के एक सदस्य समेत दो लोगों की जान चली गई थी. इसको लेकर तालिबान ने 24 जुलाई को हिंदू और सिख परिषदों के साथ बैठक थी. इस मीटिंग के बाद तालिबान सरकार ने भरोसा दिलाया था कि देश में अब स्थिति बेहतर है.
अफगानिस्तान में तालिबान शासन?
पिछले साल 15 अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिक सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान ने कब्जा कर लिया था. जिसके बाद देश से पलायन शुरू हो गया. सिख, हिंदू भी भारत की ओर लौटने लगे. लड़कियों को कई जगहों पर स्कूल जाने से रोक दिया गया. विरोध करने वालों को जान से मार दिया गया. अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों पर आतंकी हमले बढ़ गए. इसके बाद से स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. जिसके बाद से अफगानिस्तान में रहने वाले कई लोग दूसरे देशों की ओर जाने की कोशिश कर रहे हैं.
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