नई दिल्ली: अफ्रीकी मुल्कों के कुनबे ने भारत के साथ रक्षा व सैन्य साझेदारी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है. लखनऊ में चल रहे डिफेंस एक्सपो 2020 में हुए भारत और अफ्रीका के रक्षा मंत्री के पहले सम्मेलन में इस बाबत संकल्प का ऐलान किया गया. अफ्रीकी मुल्कों से सामरिक सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ भारत वहां अपने रक्षा उत्पादों के लिए नया बाजार भी तलाश रहा है.
इन क्षेत्रों में होगा साझा काम
भारत-अफ्रीका के बीच हुए पहले रक्षा मंत्री स्तर संवाद के बाद जारी साझा लखनऊ वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्ष शांति बढ़ाने, संघर्ष टालने, विवाद सुलझाने, सम्बन्ध प्रबंधन के लिए काम करेंगे. इसके अलावा दोनों पक्ष रक्षा उद्योग के संदर्भ में निवेश बढ़ाने के साथ साथ सॉफ्टवेयर, सैन्य उत्पादों व सॉफ्टवेयर विकास में संयुक्त उपक्रम भी बढ़ाएंगे. लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो 2020 के दूसरे दिन आयोजित भारत-अफ्रीका रक्षामंत्री सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह है कि अफ्रीकी देशों के साथ भारत की मैत्री चिरस्थायी है. अफ्रीका, भारत की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है. भारत-अफ्रीका रक्षामंत्रियों के सम्मेलन में 12 रक्षामंत्रियों के अलावा 38 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
अफ्रीकी देशों को किया जाएगा सहयोग- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री के मुताबिक भारत और अफ्रीका के बीच साझेदारी बढ़ाने के लिए दोनों पक्ष रक्षा आतंकवाद और अतिवाद से निपटने के लिए आपसी सहयोग, साइबर स्पेस को सुरक्षित रखना और शांति रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र को अधिक सहयोग देने समेत कई मोर्चों पर एक साथ काम करेंगे. इस अवसर पर रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि भारत अपने सहयोगी अफ्रीकी देशों को विभिन्न रक्षा सामानों की उपलब्धता बढ़ाना चाहता है. रक्षा उद्योग के क्षेत्र में निवेश के द्वारा संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए भी आशांवित है.
भारत और अफ्रीका के रक्षा मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र संघ के आतंकवाद निरोधक तंत्र को भी अधिक मजबूत करने पर भी जोर दिया. साझा घोषणापत्र में दोनों पक्षों ने आतंकवाद के खिलाफ व्यापक समझौते को स्वीकार किए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए अभी अन्य देशों से साथ आने का आग्रह भी किया.
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