Shraddha Murder Case : दिल्ली में दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम देने वाले शख्स आफताब का इलाज करने वाले डॉक्टर अनिल कुमार ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए नया खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि मई के महीने में आफताब एक घाव को सही कराने के लिए उनके क्लीनिक आया था. डॉ. कुमार ने कहा कि आफताब बहुत ही गुस्सैल प्रवृत्ति का था. उसने अपने बारे में भी गलत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जब मैंने पूछा कि यह चोट कैसे लगी तो उसने जवाब दिया था कि फल काटने के दौरान यह चोट लगी है.


आफताब पर उसकी प्रेमिका की हत्या करने का आरोप है. उसने खुद इस बात को पुलिस के सामने स्वीकार भी किया है कि उसने अपनी प्रेमिका का कत्ल बेरहमी से किया है. कत्ल करने के बाद उसने श्रद्धा वाकर के शरीर के 35 टुकड़े करके महरौली के जंगलों में फेंक दिया था.


डॉक्टर से बोला था झूठ


डॉ. कुमार ने कहा कि मई महीने में वह सुबह के समय आया था. मेरे सहायक ने मुझे बताया कि एक व्यक्ति को चोट लगी है. जब मैंने उसे देखा, तो मैंने पाया कि यह गहरी चोट नहीं थी, बल्कि एक हल्की चोट थी. उन्होंने कहा कि उसके शरीर के अंदरूनी भाग में कोई चोट नहीं लगी थी. जब मैंने उससे पूछा कि उसे यह चोट कैसे लगी, तो उसने जवाब दिया कि यह तब हुआ जब वह फल काट रहा था. मुझे कोई संदेह नहीं था क्योंकि यह एक छोटा सा चाकू था, जिससे उसे चोट लगी थी."


निडर लगा था आफताब  


उन्होंने कहा कि 28 साल का आफताब जब इलाज के दौरान पहली बार उनसे मिला तो वह काफी निडर और आत्मविश्वास से भरा हुआ लगा था. दो दिन पहले पुलिस उसे मेरे अस्पताल ले आई और पूछा कि क्या मैंने इस आदमी का इलाज किया है. मैंने उसे पहचान लिया. डॉ. कुमार ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि जब वह इलाज के लिए आया तो वह काफी आक्रामक और बेचैन था. वह हमेशा आंख मिलाकर बात करता था. आफताब अंग्रेजी में बात कर रहा था और उसने मुझे बताया कि वह मुंबई का रहने वाला है और दिल्ली इसीलिए आया है क्योंकि इस शहर में आईटी क्षेत्र में अच्छे अवसर हैं.


दिल्ली पुलिस ने जंगलों में बिताए 3 घंटे


दिल्ली पुलिस मंगलवार को पूनावाला को दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर के जंगलों में ले गई ताकि उन स्थानों का पता लगा सके जहां उसने कथित तौर पर लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर के शरीर के अंगों को फेंका था. पुलिस ने इसके लिए लगभग तीन घंटे जंगलों में बिताए. आफताब ने सबसे पहले श्रद्धा का गला घोंट कर हत्या की. फिर उसके शरीर के 35 टुकड़े कर उसे जंगलों में फेंक दिया. शरीर के टुकड़े फेंकने से पहले उसने पहले तीन सप्ताह तक महरौली में अपने आवास पर 300 लीटर की फ्रिज में उन्हें रखा था. 


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