पेरिस: संसारभर में अब मापन की इकाई किलोग्राम, एम्पीयर और मोल में हमेशा के लिए बदलाव किया गया है. अब इन तीनों ही मापन इकाईयों को फिर से परिभाषित किया जाएगा. इस संबंध में निर्णय लेने के लिए 16 नवंबर, 2018 को फ्रांस के वर्साय में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इसमें बदलाव के लिए मतदान के जरिेए 50 से अधिक देशों ने अपनी सहमति दी. इस निर्णय के बाद विभिन्न देशों के मध्य व्यापार और अन्य मानवीय कार्यों पर प्रभाव पड़ेगा.


वर्साय के इस सम्मेलन में जमा हुए वैज्ञानिक इस फैसले का दशकों से इंतजार कर रहे थे. इस विषय पर सहमति बनने के बाद इन लोगों ने ताली बजाकर खुशी जाहिर की. कुछ प्रतिनिधियों की आंखों में खुशी के आंसू भी आ गये. इस कदम को मापन और गुणन के क्षेत्र में वैश्विक क्रांति के रूप में देखा जा रहा है.


शुक्रवार को ही विद्युत मापन की इकाई ऐम्पियर, ताप मापने की इकाई कैल्विन और पदार्थ की मात्रा माप मोल की नई परिभाषाओं को भी अनुमोदन मिल गया है. वैश्विक रूप से स्वीकृत किलोग्राम की नई परिभाषा का बहुत बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था.


बीते एक सदी से अधिक समय से फ्रांस में कड़ी सुरक्षा में रखे प्लेटिनम-इरीडियम मिश्र धातु के बने एक सिलेंडर के द्रव्यमान को किलोग्राम की परिभाषा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसे ‘‘ली ग्रांड के’’ के नाम से भी जाना जाता है. यह साल 1889 से विश्व का एकमात्र वास्तविक किलोग्राम माना जाता रहा है. अब किलोग्राम और अन्य मुख्य मानक इकाईयों को दोबारा परिभाषित किया जायेगा. ये 20 मई से प्रभावी होगा.


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