नई दिल्ली: योगी आदित्यनाथ आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह आज होगा. शपथ ग्रहण समारोह आज दोपहर 2.15 बजे से लखनऊ स्थित कांशीराम स्मृति उपवन में होगा.


14 साल बाद यूपी में बीजेपी का सीएम लेगा शपथ
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में बीजेपी के चौथे और कुल 21वें मुख्यमंत्री होंगे. इससे पहले कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह प्रदेश की बीजेपी सरकारों में मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इनमें से कल्याण सिंह दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं.


बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया
गौरतलब है कि कुल 403 सदस्यीय विधानसभा के चुनावों में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने रिकार्ड 325 सीटें जीती हैं. बीजेपी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 312 सीटों पर जीत हासिल की जबकि उसकी सहयोगी पार्टियों ने भी 13 सीटों पर जीत हासिल की है.


शपथग्रहण में कौन कौन होगा शामिल
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मौजूद करेंगे. इसके अलावा बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राजग सरकारों के उपमुख्यमंत्रियों, केन्द्रीय मंत्रियों, बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के पदाधिकारियों को शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत का न्यौता भेजा गया है. समारोह में यूपी के सभी बीजेपी सांसद और पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य मौजूद रहेंगे. योगी आदित्यनाथ के शपथग्रहण में 14 मुख्यमंत्री और तीन राज्यपाल के शामिल होने की उम्मीद जतायी जा रही है.


कौन हैं योगी आदित्यनाथ?
मूल रूप से उत्तराखंड के राजपूत परिवार में जन्मे आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह है. 45 साल के आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को हुआ है. गोरखपुर से लगातार पांचवीं बार बीजेपी के सांसद हैं. पहली बार उन्होंने 1998 में लोकसभा का चुनाव जीता तब उनकी उम्र महज 26 साल थी. योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के गोरखनाथ मठ के महंत हैं. योगी आदित्यनाथ का एक धार्मिक संगठन भी है हिंदू युवावाहिनी जिसका पूर्वी उत्तर प्रदेश में खासा दबदबा है.


योगी आदित्यनाथ कैसे बने सीएम ?
योगी आदित्यनाथ को यूपी का सीएम बनाने का फ़ैसला जितना चौंकाने वाला है, उतना ही बडा और साफ संकेत भी है, मनोज सिन्हा रेस में आगे जरूर थे लेकिन उनकी राह में कई बाधाएं भी थीं, सिन्हा भले ही पीएम मोदी और शाह की पसंद रहे हों, लेकिन जिस -दमदार भगवा- फ़ार्मूले पर पार्टी आगे बढ़ रही है, उसमें वो फिट नहीं बैठ रहे थे, इसलिए तमाम संभावनाओँ और भविष्य की राजनीति को देखते हुए.

वैसे संघ की पहली पसंद राजनाथ सिंह थे जबकि बीजेपी की पसंद मनोज सिन्हा, लेकिन संघ ने मनोज सिन्हा पर सवाल उठाए तो शाह ने दो उप मुख्यमंत्रियों के साथ जातीय फ़ार्मूले को साधते हुए सिन्हा को तो रोका, लेकिन योगी को ले आए. योगी को सीएम बनाकर बीजेपी शीर्ष नेत्रत्व ने तीन बातें बेहद साफ कर दी हैं.