Mumbai Latest News: मुंबई के कुलाबा इलाके में रहने वाले एक व्यापारी को 22 साल बाद उसका पुश्तैनी सोना मिला, जिसके बाद परिवार भावुक हो गया. कुलाबा डिवीजन के ACP पांडुरंग शिंदे ने ABP न्यूज को बताया की साल 1998 में कुलाबा में रहने वाले अर्जुन दासवानी नाम के व्यापारी के घर डकैती हुई थी. घटना 6 अप्रैल 1998 की सुबह 8 बजे के करीब की है, जब दासवानी अपनी पत्नी, बच्चे और नौकर के साथ घर में थे. तभी उनके दरवाजे की घंटी बजी और जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला घर में चार लोग चाकू लेकर घुस गए. दासवानी समेत जितने भी लोग घर में थे, उन्हें कुर्सी से बांध दिया और दासवानी की पिटाई भी की. चोरों ने पूछा की उनके घर का लॉकर कहां है.
पिटाई और चाकू से घबराकर घरवालों की सुरक्षा को देखते हुए दासवानी ने अपने घर के लॉकर की चाभी उन लुटेरों को दे दी थी. जिसका फायदा उठाकर इन लोगों ने घर से दो कॉइन, सोने का ब्रेसलेट और दूसरे आभूषण थे लूट लिए. दो कॉइन में से एक पर रानी विक्टोरिया और दूसरे कॉइन पर रानी एलिजाबेथ का फोटो था. ACP शिंदे ने बताया की उस समय की गई चोरी की शिकायत के आधार पर IPC की धारा 342, 394, 397, 452, और 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी.
उस समय 13 लाख के करीब थी कीमत
शिंदे ने बताया की उस सोने की कीमत उस समय 13 लाख 45 हजार रुपए थी, जिसकी कीमत आज के समय में डेढ़ करोड़ से ज़्यादा है. इसकी हेरिटेज वैल्यू कितनी होगी ये बता पाना मुश्किल है. शिंदे ने आगे बताया की इस मामले में कुल 9 आरोपी थे, जिसमें से एक आरोपी अब तक पुलिस को मिला नही था. साल 2002 में इस मामले में कोर्ट का आदेश आया, जिसमें 3 आरोपियों को निर्दोष करार दिया गया था. चूंकि एक आरोपी का पकड़ा जाना अब भी बाकी था इस वजह से कोर्ट ने चोरों के पास से रिकवर किया गया सोना संभालकर रखने को कहा था.
क्यों अब तक नहीं मिला था सोना
कोर्ट ने कहा था की जब तक वांटेड आरोपी नही मिल जाते और उनका ट्रायल पूरा नही हो जाता तब तक इसे संभालकर रखा जाए. दासवानी के वकील सुनील पांडे ने ABP न्यूज को बताया की पिछले साल जनवरी में मुंबई कमिश्नर ने एक आदेश दिया था, जिसमें इस तरह के मामलों में जब्त किए गए सोने चांदी को उसके मालिक को लौटाया जाए. जिसके बाद इस मामले में शिकायतकर्ता अर्जन के बेटे राजू दासवानी को पुलिस ने पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी और फिर उन्होंने उनके वकील पांडे की मदत से सेशन कोर्ट में अर्जी दी. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें सोना लौटने का आदेश दिया. राजू के पिता का देहांत साल 2007 में हो गया था, उसके बाद से उन्हें नही लगा था कि सोना इतना जल्दी मिलेगा, लेकिन जैसे ही उन्हें सोना मिला उनका पूरा परिवार रो पड़ा और भावुक हो गया.
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