त्रिपुरा में लिखा गया इतिहास, ब्रू रियांग का खत्म हुआ वनवास
Bru Community In Tripura: अमित शाह ने कहा कि 35 साल तक इन लाल सलाम वाले भाइयों को इन ब्रू भाइयों का दर्द नहीं दिखा. ऐसी कई योजनाएं कांग्रेस शासन में बनती थी, लेकिन पूरी नहीं नहीं होती.
Bru Community In Tripura: दिल्ली से 2500 किलोमीटर दूर त्रिपुरा के ढलाई जिले के आमबासा इलाके मे शायद ही कभी कोई गृह मंत्री पहुंचे होंगे, लेकिन ढलाई जिले के आमबासा इलाके में गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे. उन्होंने भी सारे प्रोटोकॉल तोड़कर गांव में लोगों के घर जाकर बात की. दिलचस्प बात इसलिए है क्योंकि 35 साल तक लेफ्ट के शासन वाले राज्य में अमित शाह के साथ ब्रू रियांग समुदाय के लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए.
अमित शाह ने यहां पहुंचकर कहा, “मेरे जीवन के अबतक के कामों में जिसमें संतुष्टि मिलती है. उसमें सबसे आगे ब्रू रियांग सेटलमेंट का काम है. मुझे आज भारी संतोष हो रहा है. आज से 10 साल बाद त्रिपुरा में जो परिवर्तन दिखेगा उसकी कल्पना भी कोई नहीं कर सकेगा. आज अपने ब्रू रियांग भाइयों को जी भरकर देखने के लिए आया था और बहुत संतोष के साथ यहां से जा रहा हूं.
'11 गांव बसाए गए'
अमित शाह ने कहा कि 35 साल तक इन लाल सलाम वाले भाइयों को इन ब्रू भाइयों का दर्द नहीं दिखा. ऐसी कई योजनाएं कांग्रेस शासन में बनती थी, लेकिन पूरी नहीं नहीं होती. 1998 से ब्रू समुदाय के लोग पशु की तरह एक ही झोपड़े में जीवन जीने के लिए मजबूर थे, ये किसी को नहीं दिखा. 900 करोड़ की लागत से 11 गांव बसाए गए हैं. अच्छे से बसी इन कॉलोनियों में बेहतर काम, राशन, मतदाता सूची, हेल्थ और अब कॉपरेटिव से जोड़ने का काम शुरू हो रहा है.”
क्या बोले ब्रू समुदाय के लोग?
25 सालों का वनवास जैसे खत्म हो गया है. ब्रू समुदाय से आने वाले 32 वर्षीय मिरेन रियांग आज बहुत खुश हैं. उनके जीवन में होली और दिवाली तो जैसे एक साथ आ गई है. मिरेन रियांग ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि पिछले 20 सालों से हम लोग ऐसे ही घूम रहे थे. बहुत ही बुरा हाल था. अब हमारे पास कम से कम घर है. सरकार ने हमें यहां पर हर पूरी व्यवस्था दी है. 1997 से लेकर अभी तक करीब 25 साल से हम इधर उधर घूम रहे थे, बंजारे जैसी जिंदगी बिता रहे थे पर अब हमें लंबासा के इस इलाके में घर मिल गया है और हमारे पास छत है.”
केंद्र और राज्य सरकार का किया शुक्रिया
केंद्र और राज्य सरकार को लेकर मिरेन रियांग ने कहा, “हम शुक्रगुजार हैं केंद्र सरकार और राज्य सरकार के क्योंकि हमारे घर जला दिए गए थे. हमें धर्म के आधार पर निकाल दिया गया था. हमें परेशान किया गया था. हमें मारा गया था, लेकिन अब हमें नागरिकता भी मिली है.”
अब होगा अपना गांव और राशन कार्ड
ब्रू समुदाय के एक और शख्स रामसो रियांग ने कहा, “इतने साल, इतने दिन हम रिलीफ कैंप में रहे. अब वो खत्म हो गया है और अब हमारे लिए ख़ुशी का समय शुरू हो गया है क्योंकि अब हमारे पास आधार है, द्वार है और एक बेहतर संसार है. ये गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कृपा की वजह से हुआ है. हमारे पास गांव है, अपना मकान है, अपना राशन कार्ड भी होगा.”
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