सऊदी अरब में एक झूठे केस में 604 दिन जेल में बिताने के बाद कर्नाटक के हरीश बगेरा बुधवार को वापिस भारत लौट आए हैं. 34 वर्षीय हरीश को सोशल मीडिया पर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और एक समुदाय विशेष को डिफेम करने के झूठे आरोप में जेल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि बाद में जांच में पता चला कि उनके नाम से ये भड़काऊ पोस्ट किसी और ने की थी. इस पोस्ट के चलते हरीश को उनकी नौकरी से भी निकाल दिया गया था. 


हरीश बगेरा कर्नाटक के उडुपी जिले में बिजाड़ी गांव के रहने वाले हैं. हरीश सऊदी अरब के शहर दम्मन में एयर कंडीशनर टेक्निशियन का काम करते थे. उन्हें 22 दिसंबर 2019 को हिरासत में लिया गया था. इसके बाद हरीश की पत्नी सुमन एम ने उडुपी पुलिस के सामने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में उन्होंने कहा था कि किसी एक अन्य अनजान व्यक्ति ने हरीश के नाम से फेसबुक पर ये पोस्ट की है. इसके बाद उडुपी पुलिस की जांच में भी ये बात सच साबित हुई और हरीश की रिहाई का रास्ता साफ हुआ. 


हरीश के नाम से फेसबुक पर की गई भड़काऊ पोस्ट 


दरअसल हरीश ने हिरासत में लिए जाने से तीन दिन पहले केंद्र सरकार के सिटिजन्शिप एमेंडमेंट एक्ट और नैशनल रजिस्टर्स ऑफ सिटीजंस की उनकी भविष्य की योजना को लेकर फेसबुक पर पोस्ट की थी. इसके चलते उन्हें सऊदी में अपनी कंपनी की तरफ से कार्रवाई का सामना करना पड़ा था. कल बैंगलोर पहुंचे हरीश ने बताया कि, "इस पोस्ट के लिए मैंने वीडियो जारी कर माफी मांगी थी. इसके तुरंत बाद मैंने अपना फ़ेसबुक अकाउंट बंद कर दिया था."



लेकिन इसके कुछ समय बाद ही हरीश के नाम से बने एक अन्य फेसबुक अकाउंट में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और एक समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट किए जाने लगे. जिसके बाद हरीश को हिरासत में ले लिए गया. 


उडुपी पुलिस ने मामले में दो भाइयों को किया गिरफ्तार 


हरीश की पत्नी की शिकायत पर उडुपी पुलिस ने पिछले साल इस मामले में दक्षिण कन्नड़ जिले के मूदबिद्री शहर से अब्दुल हुएज और अब्दुल थुएज नाम के दो भाइयों को गिरफ्तार किया. पुलिस को अपनी जांच में पता चला कि हरीश ने जिस दिन अपना फ़ेसबुक अकाउंट बंद किया था उसी दिन इन दोनों भाइयों ने उनके नाम से ये अकाउंट बनाया था. पुलिस के अनुसार ये दोनों भाई CAA और NRC को लेकर की गई हरीश की पोस्ट से ग़ुस्से में थे और इन्होंने उसे फंसाने के लिए इस तरह की पोस्ट की थी. 


उडुपी के पुलिस अधीक्षक एन विष्णुवर्धन ने बताया कि, इन दोनों के खिलाफ चार्जशीट फ़ाइल करने के बाद विदेश मंत्रालय के जरिये इसे सऊदी सरकार के साथ साझा किया गया था. जिसके बाद मंगलवार को हरीश को इस मामले में रिहा कर दिया गया था. दोनों ही आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में ट्रायल चल रहा है.


बैंगलोर एयरपोर्ट पहुंच भावुक हुए हरीश 


बैंगलोर एयरपोर्ट पहुंच अपनी चार साल की बेटी से 19 महीने के बाद मिलकर हरीश भावुक हो गए. उन्होंने कहा, "किसी और की पोस्ट के लिए मैं अपराधी जैसा महसूस कर रहा था. मैं और मेरा परिवार काफी मुश्किल दौर से गुजरा है. सजा होने से पहले तक मैं रोजाना तीन से चार बार अपने परिवार को वीडियो कॉल करता था. लेकिन सजा होने के बाद से मैं काफी कम बार उन से बात कर पाया." साथ ही उन्होंने कहा, "मुझे हमेशा से भरोसा था कि मेरे साथ न्याय होगा."


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