नई दिल्ली: रक्षाबंधन का त्योहार आने वाला है लेकिन उसके दो हफ्ते पहले ही एक भाई को रक्षाबंधन का बड़ा तोहफा मिला है, एक दुर्घटना के बाद अलग हुए भाई-बहन पूरे 8 साल बाद फिर से मिले हैं.


अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक दिल्ली के लाजपत नगर की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी कस्तूरबा निकेतन चिल्ड्रेन होम कॉम्पलेक्स में श्याम की 2 साल लंबी खोज का अंत हुआ. साल 2009 के बाद पहली बार वो अपनी सगी बहन ममता से मिल पाया था. श्याम को याद है वो इमारत जहां उसे मजिस्ट्रेट के सामने लाया गया था और फिर वो अपनी बहन से अलग हो गया था.


श्याम के लिए वो बहुत दुखद समय था जब वो सिर्फ 12 साल और उसकी बहन ममता सिर्फ 9 साल की थी, वो लोग उत्तर प्रदेश के कन्नौज में पहते थे. श्याम के मुताबिक, ''हम बहुत छोटे थे, तब पिता की मृत्यु हो गई और हम अपनी मां के साथ दिल्ली आए,कालकाजी में भीख मांग कर परिवार का गुजारा हो रहा था, लेकिन जुलाई 2009 में रेलवे क्रॉसिंग पार करते हुए मां की ट्रेन से कुचल कर मौत हो गई.' श्याम ने बताया कि उस एक्सीडेंट में ममता को भी चोटें आयी थीं और फिर इसी के बाद दोनो भाई बहन एक दूसरे से अलग हो गए.


श्याम ने बताया कि चूंकि लड़कों और लड़कियों को अलग-अलग सरकारी आश्रमों में रखा जाता है, इसलिए उसे जहांगीर पुरी के लड़कों वाले सरकारी आश्रम में भेज दिया गया. श्याम ने बताया 'मुझे ममता के ठिकाने के बारे में पता नहीं था, मुझे नहीं पता था कि किससे पूछना है'. सरकारी आश्रम में दूसरे लड़कों द्वारा तंग किए जाने की वजह से कुछ महीनों बाद श्याम फरार हो गया. बाद में पुलिस ने उसे पकड़ कर अलीपुर सरकारी आश्रम में रखा जहां वह बालिग होने तक रहा.


श्याम की बहन ममता अब क्लास 12 में पढ़ रही है, ममता ने बताया कि उसने अधिकारियों को बताया था कि उसका एक भाई है,लेकिन जब तक अधिकारियों ने श्याम का पता लगाया तब तक श्याम दहांगीर पुरी वाले सरकारी आश्रय से भाग चुका था. अलीपुर आश्रम से निकलने के बाद श्याम ने ममता को खोजने का मिशन बनाया. ममता ने तो अपने भाई से फिर मिल पाने की उम्मीद ही छोड़ दी थी.


श्याम को लाजपत नगर सीडब्ल्यूसी का पता लगाने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन इस तरह वो अपनी बहन ममता से 8 साल बाद मिल पाया. कमेटी के सदस्यों को यह जानकर हैरानी हुई कि श्याम को उसकी बहन के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन उनके रिकॉर्ड के माध्यम से खोजने के बाद वे उसे ढूंढ सकें.


इस तरह श्याम की जिंदगी में 8 साल बाद रक्षाबंधन का त्योहार खुशियां लेकर आया है.