मुबई: 88 साल बाद सड़क पर उतरेगा घुड़सवार दस्ता, गणतंत्र दिवस परेड में भी होगा शामिल
सुरक्षा के लिए मुंबई पुलिस अंग्रेजी काल की व्यवस्था अपनाने जा रही है. देश की आर्थिक राजधानी की निगेहबानी घुड़सवार दस्ते करेंगे. दावा किया जा रहा है कि अपराध पर लगाम लगाने में ये अहम भूमिका निभाएगी.
मुंबई: 88 सालों बाद एक बार फिर मुंबई की हिफाजत घोड़े सवार दस्ते करेंगे. देश की आर्थिक राजधानी को घुड़सवार पुलिस यूनिट मिलने जा रही है. ट्रैफिक कंट्रोल करने से लेकर अपराध पर लगाम लगाने में इसका इस्तेमाल किया जाएगा. ऐसा आजादी के बाद पहली बार हो रहा है जब घुड़सवार पुलिस के हवाले मुंबई की गलियां और सड़कें होंगी.
मुंबई की निगेहबानी करेंगे घुड़सवार दस्ते
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि वर्तमान में 13 घोड़ों की खरीदारी हो चुकी है. बाकी बचे घोड़ों को अगले छह महीने में खरीद कर यूनिट में शामिल कर लिया जाएगा. 30 घोड़े, एक सब इंस्पेक्टर, एक असिस्टेंट इंस्पेक्टर और चार हवालदार के अलावा 32 कांस्टेबल यूनिट में शामिल होंगे. घोड़ों को रखने के लिए अंधेरी इलाके में ढाई एकड़ पर अस्तबल का निर्माण कराया जाएगा. जिसमें स्वीमिंग पूल, राइडिंग क्लब, ट्रेनर रूम होंगे .
शिवाजी पार्क में गणतंत्र दिवस की परेड के बाद घोड़ों को ड्यूटी पर तैनात कर दिया जाएगा. घुड़सवार पुलिस प्रणाली व्यवस्था का कई मौकों पर इस्तेमाल किया जाएगा. भीड़ नियंत्रित करने, त्यौहारों में शांति बनाए रखने, विरोध प्रदर्शनों के दौरान, समुद्र के किनारों पर घोड़े पर सवार पुलिसकर्मी नजर आएंगे. इसके बाद नागपुर और पुणे जैसे शहरों में सुरक्षा के लिए घुड़सवार पुलिस प्रणाली की व्यवस्था को दोहराया जाएगा. उन्होंने कहा कि पुलिस के पास आधुनिक जीप और मोटरगाड़ी होते हुए भी इसकी जरुरत महसूस की जा रही थी.
आपको बता दें कि आजादी से पहले मुंबई की गलियों की पेट्रोलिंग घुड़सवार टीम करती थी. मगर 1932 में वाहनों की भीड़ के चलते घोड़े पर सवार होकर पेट्रोलिंग की व्यवस्था को हटा दिया गया. अब आजादी के बाद पहली बार मुंबई की पुलिस घोड़ों पर निगरानी करती नजर आएगी.