देश में कोरोना की दूसरी लहर भले ही धीमी पड़ते दिख रही हो लेकिन माहौल अब भी काफी खराब बना हुआ है. जहां प्रतिदिन 2 लाख से अधिक मामले दर्ज हो रहे हैं तो वहीं तीसरी लहर ने भी दस्तक दे दी है. अब जो मामला सामने आया है वो ये कि एक सबसे कम उम्र के शिशु ने 1 महीने के इलाज के बाद कोरोना को मात दी है. 


मिली जानकारी के मुताबिक शिशु के जन्म के समय उनकी मां कोरोना संक्रमण से गंभीर रूप से पीड़ित थी. शिशु की मां मैकनिकल वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी जिसकी वजह से समय से पूर्व 28 सप्ताह में ही शिशु का जन्म हुआ था.


शिशु को वेंटिलेटर के सहारे रखा गया


बताया जा रहा है कि शिशु का वजन सिर्फ 1000 ग्राम (1 किलो) था. जन्म के बाद कोविड टेस्ट में शिशु की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी लेकिन टेस्ट के एक सप्ताह बाद शिशु का ऑक्सीजन लेवल कम होते देखा गया और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसके बाद शिशु की दोबारा कोरोना जांच जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी.


बताया जा रहा है कि शिशु का वजन भी घटकर 920 ग्राम हो गया था जिसके बाद शिशु को कोविड आइसोलेशन वार्ड के आईसीयू में वेंटिलेटर के सहारे रखा गया. किम्स अस्पताल में शिशु का डॉक्टर अपर्णा के साथ डॉक्टरों की टीम  इलाज करते हुए लगातार नजर बनाए हुईं थी. शिशु की तबीयत में सुधार आने लगा और एक महीने बाद शिशु का तबीयत ठीक हो गई और उसका वजन बढ़कर 1500 ग्राम हो गया.


शिशु यंगेस्ट कोविड सरवाइवर है


अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद शिशु के माता पिता काफी खुश हैं. शिशु के पिता ने एक वीडियो जारी कर डॉक्टर अपर्णा का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि, "जब उनके शिशु को जन्म के कुछ दिन बाद ही कोरोना संक्रमण हो जाने पर वे काफी चिंतित हो गए थे." एक महीने बाद शिशु को स्वास्थ्य होकर वापस पाने के बाद उनका खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. बता दें, उनका शिशु यंगेस्ट कोविड सरवाइवर है.


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