अहमदाबाद: गुजरात सरकार से अपनी मांगें मंजूर करने का लिखित आश्वासन मिलने के बाद दलित कार्यकर्ता भानुभाई वान्कर के परिवार वालों ने उनका शव ले लिया. इन मांगों में दलितों के लिए भूमि आवंटन की मांग शामिल है. उल्लेखनीय है कि 62 साल के वॉकर ने एक दलित परिवार के लिए भूमि आवंटन की मांग करते हुए बीते 15 फरवरी को पाटन ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर खुद को आग लगा ली थी. इसके अगले दिन उन्होंने अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया.
'दलित अधिकार मंच' के सुबोध परमार ने बताया कि वान्कर का शव मेहसाना जिले में उनके गृह नगर उंझा कस्बे ले जाया गया. वहां उनकी अंतिम संस्कार की जाएगी. गांधीनगर के जिलाधिकारी सतीश पटेल और पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र यादव के हस्ताक्षर वाले एक पत्र में कहा गया, "दलित समुदाय के लोगों को पहले ही आवंटित की गई जमीन का कब्जा अगले छह महीने में उन्हें सौंप दी जाएगी."
मीडिया को पत्र की एक प्रति मिली है. जिसमें वान्कर की मौत की वजह बनने वाली परिस्थितियों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है. शुक्रवार को वान्कर की मौत होने के बाद से दलित नेता और समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.