सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद अब मुंबई पुलिस चला सकती है ऑपरेशन 'क्लीन'
सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जब विधानसभा में वाजे पर गंभीर आरोप लगाए, तब वरिष्ठ अधिकारियों ने उन आरोपों के बारे में वाजे से पूछताछ की, जहां पर वाजे ने हर आरोपों को गलत बताया.
मुंबई: मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक के साथ मिली स्कॉर्पियो मामले में मुम्बई क्राइम ब्रांच के एपीआई सचिन वाजे को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया है. सूत्रों की मानें तो वाजे ने पूरे मामले की जांच के दौरान कभी भी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सच्चाई बयान नहीं की. वाजे ने बहुत सारी बातें अपने वरिष्ठ अधिकारियों से छुपाई, जो एक एक कर उनके सामने आ रही हैं. सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में मुंबई पुलिस ऑपरेशन क्लीन शुरू करने वाली है, जिससे वो यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि वाजे की तरह पुलिस विभाग में कोई और तो नहीं.
एनआईए ने अब तक क्राइम ब्रांच के 7 लोगों से पूछताछ की है. इनमें क्राइम ब्रांच के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर नितिन अलकनुरे, पुलिस इंस्पेक्टर मिलिंद काथे, असिस्टेंट पुलिस निरीक्षक (सीआईयू) रियाजुद्दीन काजी, सब इंस्पेक्टर (सीआईयू) प्रकाश ओव्हाल और तीन सीआईयू के कॉन्स्टेबल, जिसमें दो लोग ड्राइवर्स हैं, शामिल हैं.
सीआईयू के ऑफिस में एनआईए का सर्च ऑपेरशन
सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद कई ऐसे सबूत हैं, जिनकी तलाश एनआईए कर रही है. 15 मार्च और 16 मार्च की रात एनआईए ने सबूतों की तलाश में मुंबई पुलिस कमिश्नर के हेड क्वाटर में स्थित क्राइम ब्रांच के सीआईयू कार्यालय में सर्च ऑपरेशन किया. रात करीब 8 बजे एनआईए की एक टीम वहां पहुंची और वाजे के ऑफिस की तलाशी ली और सुबह करीब 4 बजे तक यह सर्च ऑपरेशन चला, जहां से एनआईए ने एक लैपटॉप, मोबाइल और कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री के बयान के बाद पूछताछ
सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जब विधानसभा में वाजे पर गंभीर आरोप लगाए, तब वरिष्ठ अधिकारियों ने उन आरोपों के बारे में वाजे से पूछताछ की, जहां पर वाजे ने हर आरोपों को गलत बताया. वाजे उनके ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते समय बहुत ही कॉन्फिडेंस में थे.
वरिष्ठ अधिकारियों को भी किया गुमराह
सचिन वाजे जो कि इस पूरे मामले के जांच अधिकारी थे, उस समय उन्होंने अपने सीनियर अधिकारियों को जांच में कितनी आगे बढ़ी है, इस बात को लेकर कभी सच नहीं बताया. वो हमेशा कहते थे कि वो अभी भी इनोवा गाड़ी की तलाश कर रहे हैं और वह गाड़ी ठाणे के बाद कहां गई यह उन्हें नहीं पता चल पा रहा है. वाजे हर समय झूठ बोलते रहे. एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने जो डीवीआर अपनी सोसाइटी से मंगवाई, उसके बारे में कोई भी जानकारी उन्होंने अपने सीनियर अधिकारियों को नहीं दी थी.
ऑपरेशन 'क्लीन'
दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है. ऐसे में अब मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद बहुत ज्यादा सतर्क हो गए हैं. सूत्रों ने बताया कि अब मुंबई पुलिस के बड़े अधिकारी इंटरनल जांच करने की तैयारी में हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई और अधिकारी या कॉन्स्टेबल वाजे की तरह गैरकानूनी काम मे लिप्त तो नहीं है.
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