Dev Diwali: अयोध्या के बाद अब काशी में 15 लाख दीयों से जगमगाएंगे गंगा घाट
Dev Diwali: वाराणसी के नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने तैयारियों के बारे में बताया कि आदिकेशव घाट से शुरू होकर अस्सी घाट पर समाप्त होने वाले सभी 84 घाटों पर दीये जलाएंगे.
Dev Diwali 2021: यूपी के अयोध्या में दिवाली के बाद अब काशी में देव दीपावली की तैयारियां जारी है. काशी में देव दीपावली को भी भव्य तरीके से मनाने की तैयारी चल रही हैं. अयोध्या में जहां एक ओर 12 लाख दीये जलाए गए थे, वहीं काशी में 15 लाख दीये जलाने की योजना बनाई गई है. इन दियों को जलाने के लिए शिक्षकों को ड्यूटी पर लगाया गया है. देव दीपावली के विशेष उत्सव पर 15 लाख दीयों से काशी के गंगा घाट जगमगा उठेंगे
देव दीपावली उत्सव
दीपावली को लेकर अस्सी घाट से लेकर वाराणसी के घाटों तक की तैयारियां चल रही हैं. केंद्र सरकार इसे त्योहार की तरह मना रही है. वाराणसी के नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने तैयारियों के बारे में बताया कि हम आदिकेशव घाट से शुरू होकर अस्सी घाट पर समाप्त होने वाले सभी 84 घाटों पर दीये जलाएंगे. हमारा लक्ष्य सरकार की मदद से 12 लाख दीये जलाना है. गंगा सेवा समितियां भी दीये जला रही हैं और नदी के दूसरी तरफ हमारे कर्मचारी हैं. इसके साथ ही लोग कार्तिक पूर्णिमा की सुबह नदी में स्नान कर रहे होंगे, इसलिए सुरक्षा के खास उपाय किए गए हैं. मुख्य घाटों के आसपास बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं.
वाराणसी के नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया कि नाविकों से भी बात की है कि वे अपनी नावों में जितने लोगों को ले जा सकते हैं उससे अधिक न भरें और लाइफ जैकेट का उपयोग करें. आदिकेशव घाट से अस्सी घाट तक घाटों के बीच की दूरी लगभग 7.5 किमी है. इनमें से हमारा सबसे महत्वपूर्ण घाट जहां गंगा महोत्सव हो रहा है, वह है राज घाट, जबकि अस्सी घाट हमेशा प्रमुख महत्व का रहा है. इसमें वीआईपी और आम लोग आ रहे हैं. इसके अलावा दशाश्वमेध घाट और अग्नि घाट हैं जिनकी समितियां खुद इसका आयोजन करती हैं.
वाराणसी के नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने आगे बताया कि चेतन घाट एक लेजर शो की मेजबानी कर रहा है. हॉट एयर बैलून कल से शुरू हो गए हैं और सभी हॉट एयर बैलून राइड्स टूरिस्ट डिपार्टमेंट के मुताबिक हाउसफुल हो गई हैं. इसके साथ ही अस्सी घाट पर आतिशबाजी का प्रदर्शन होगा और विभिन्न घाटों पर गंगा आरती होगी.
शिक्षकों की नाराजगी
कूड़ा उठाने की ड्यूटी पर नाराज़ हुए शिक्षक बोले अध्यापकों का काम बच्चों को शिक्षा देना हैं ना कि कूड़ा उठाना. एक सरकारी स्कूल में शिक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि 8 इलाकों से लोग यहां आये हैं और इनकी ड्यूटी है कि वे दीपक जलाएंगे और कुछ दिन बाद इनकी कूड़ा उठाने की ड्यूटी लगेगी. यह सब शिक्षा विभाग के कर्मचारियों से करवाया जा रहा हैं. दीपक जलवाना तक तो ठीक हैं लेकिन शिक्षकों से कूड़ा उठवाना गलत हैं. वही एक सरकारी कर्मचारी मनमोहन पटेल ने कहा कि सरकार का आदेश मानना होगा. उन्होंने कहा सफाई अभियान में लगने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
देव दिवाली या देव दीपावली हर साल हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने के 15 वें चंद्र दिवस, यानी कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था. इसलिए देव दिवाली दानव पर भगवान शिव की जीत का जश्न मनाती है और यही कारण है कि द्रिक पंचांग के अनुसार इस दिन को त्रिपुरोत्सव या त्रिपुरारी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है.
देव दिवाली के अवसर पर भगवान शिव के भक्त गंगा नदी में पवित्र स्नान करते हैं. इस शुभ अवसर को मनाने के लिए पवित्र शहर वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, को रोशनी और दीयों से सजाया जाता है. दुनिया भर से लोग इस विशेष दिन को देखने और मनाने के लिए शहर आते हैं.