अयोध्या के बाद 'काशी-मथुरा' के सवाल पर विश्व हिन्दू परिषद ने साधी चुप्पी, कहा- अभी कुछ और सोचने की फुर्सत नहीं
अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर को लेकर आलोक कुमार ने कहा कि जब कोरोना इजाजत देगा तब विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता 4 लाख से अधिक गांवों में जा कर उत्सव मनाएंगे.
![अयोध्या के बाद 'काशी-मथुरा' के सवाल पर विश्व हिन्दू परिषद ने साधी चुप्पी, कहा- अभी कुछ और सोचने की फुर्सत नहीं After Ayodhya, Vishva Hindu Parishad kept silent on the question of Kashi-Mathura, said- No time to think of anything else- an अयोध्या के बाद 'काशी-मथुरा' के सवाल पर विश्व हिन्दू परिषद ने साधी चुप्पी, कहा- अभी कुछ और सोचने की फुर्सत नहीं](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/08/09041900/vhp.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: अयोध्या की लड़ाई जीतने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने 'काशी और मथुरा' जैसे विवादित मुद्दों के सवाल पर चुप्पी साध ली है. अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक विवादित बाबरी मस्जिद की जगह पर राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया जा चुका है. ऐसे में राम मंदिर को लेकर आंदोलन चला चुकी विश्व हिंदू परिषद आगे क्या करेगी? क्या वीएचपी का अगला मिशन 'काशी और मथुरा' होगा? एबीपी न्यूज के इस सवाल के जवाब में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने किनारा करते हुए कहा है, "अभी अयोध्या चल रहा है, वही चलेगा और कुछ सोचने की फुर्सत नहीं."
"राम के मूल्यों के मुताबिक काम करेगी वीएचपी" :- दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एबीपी न्यूज से बात करते हुए वीएचपी अध्यक्ष ने काशी और मथुरा के सवालों पर तो सीधे तौर पर चुप्पी साध ली, लेकिन कहा, "हम आगे रामत्व के लिए काम करेंगे. राम के जीवन मूल्यों जैसे समरसता, महिलाओं का सम्मान, अनुसूचित जनजाति को मुख्यधारा में लाना, गांवों का समन्वित विकास करना, गौधन का विकास करना, जैविक खेती जैसे काम करेंगे." उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद गांवों में एक लाख से ज्यादा एकल विद्यालय चला रही है. हम सेवा के कार्यों को बढ़ाएंगे.
राम मंदिर के लिए दस करोड़ घरों से वीएचपी जुटाएगी चंदा :- अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर को लेकर आलोक कुमार ने कहा कि जब कोरोना इजाजत देगा तब विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता 4 लाख से अधिक गांवों में जा कर उत्सव मनाएंगे और 10 करोड़ हिन्दू परिवारों से मंदिर के लिए समर्पण (चंदा) इकट्ठा करेंगे.
आपको बता दें कि राम मंदिर आंदोलन के समय से विश्व हिन्दू परिषद समेत तमाम हिन्दू संगठन काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर और मथुरा के कृष्ण जन्मस्थान मंदिर से सटे मस्जिदों को हटाने की मांग करते आए हैं. लेकिन अब साफ है कि निकट भविष्य में विवादित मुद्दों में उलझने का विश्व हिन्दू परिषद का कोई कार्यक्रम नहीं है.
"भूमिपूजन में दलितों की उपेक्षा का आरोप सफेद झूठ, राम सबके हैं" :- वहीं, आप सांसद संजय सिंह द्वारा लगाए गए आरोप कि "राम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में दलितों को नहीं बुलाया गया" को झूठा करार देते हुए आलोक कुमार ने कहा कि अगर संजय सिंह दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर की ही जानकारी ले लेते तो उन्हें पता चल जाता कि वहां के महंत कृष्ण विद्यार्थी निमंत्रित थे. जोधपुर के बाल्मीकि क्षेत्र के श्री उमेश नाथ उपस्थित थे. वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि हम संतों की जाति नहीं देखते, लेकिन बाल्मीकि मंदिर, रविदास आश्रम और ऐसे समाजों के लोग अयोध्या में भूमिपूजन कार्यक्रम में आए थे. सभी हिंदू समाज के आदरणीय हिस्सा हैं.
आलोक कुमार ने आगे कहा "अफवाह फैलाई जा रही है कि अयोध्या में बंगाल के मथुआ समाज द्वारा लाई गई मिट्टी और पानी को अछूत समझ कर ग्रहण नहीं किया. जबकि जिस आदर के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर की मिट्टी को स्वीकार किया गया उसी आदर के साथ मथुआ समाज की मिट्टी को भी लिया गया. संत शिरोमणि रविदास जी के जन्मस्थान की मिट्टी और बाल्मीकि आश्रम की मिट्टी को भी उसी आदर से लिया गया. उन्होंने कहा कि राम सबके थे और सबके रहेंगे और उसी भाव से यह मंदिर बनेगा.
"अयोध्या में विकास के रोडमैप से वीएचपी संतुष्ट" :- राम मंदिर के साथ ही क्या अयोध्या का विकास भी होगा? इस सवाल पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले दिनों में विश्व के सबसे सुंदर नगरों में से अयोध्या हो जाएगी. इसकी योजना उत्तर प्रदेश सरकार ने बनाई है और धन भी आवंटित किया है. हम उस प्रगति से संतुष्ट हैं.
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