नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार की वीआईपी लोगों की सुरक्षा में कटौती करने की कोई योजना नहीं है. उनका यह बयान सरकार के लाल बत्ती के प्रयोग पर रोक लगाने के फैसले के एक दिन बाद आया है.


सूचना एवं प्रसारण मंत्री नायडू ने बताया, ‘‘सुरक्षा के सन्दर्भ में यह देश हित के लिए जरूरी है क्योंकि महत्वपूर्ण लोगों को सुरक्षित रखा जाना चाहिए. वैसे कोई अलग से तरजीही व्यवहार नहीं है.’’


वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने के केन्द्र के निर्णय के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हर व्यक्ति वीआईपी है और यही हमारी सरकार का दर्शन है.’’ भले ही यह एक छोटी पहल हो किंतु इससे यह संदेश गया है कि प्रत्येक व्यक्ति के साथ बराबरी का व्यवहार किया जाना चाहिए.


उन्होंने उम्मीद जतायी कि राज्य सरकारें भी लाल बत्ती का प्रयोग त्यागेंगी अन्यथा उन्हें लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ेगा.


रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर प्रश्न किये जाने पर नायडू ने कहा कि मामला पिछले कई सालों से चल रहा है और इसमें कुछ भी नया नहीं है.


उन्होंने इस बारे में कुछ भी विस्तार से नहीं कहा.


सुप्रीम कोर्ट ने कल सीबीआई के उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती पर आपराधिक साजिश के आरोप बहाल किये जाएं.


सुप्रीम कोर्ट ने यह भी ध्यान दिलाया कि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को संवैधानिक छूट प्राप्त है और उनके पद त्यागने के बाद ही उन पर मामला चल सकता है.