नई दिल्लीः भारतीय वायु सेना पहली बार मिग -29 स्क्वाड्रन में अपनी महिला लड़ाकू पायलटों को सौंपने के लिए तैयार है. फोर्स में महिलाओं के उड़ान भरने का यह फोर्थ टाइप का लड़ाकू विमान होगा. इस मामले से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. भारतीय वायुसेना के महिला पायलट पहले से ही मिग -21 बाइसन, सुखोई -30 और राफेल को ऑपरेट कर रही हैं. फोर्स ने पांच साल पहले सशस्त्र बलों में महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल करना शुरू किया था .


एक सीनियर अधिकारी के अनुसार "पायलटों को निर्धारित मानदंडों के अनुसार लड़ाकू स्क्वाड्रन को सौंपा गया है और इसका जेंडर से कोई लेना-देना नहीं है.” पिछले साल वायुसेना ने फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह को अंबाला स्थित अपने पहले राफेल स्क्वाड्रन को असाइन किया था. 2015 में वायुसेना के लड़ाकू विमान में शामिल होने के लिए प्रायोगिक योजना के बाद दस महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में कमीशन दिया गया था, जो वायु सेना के इतिहास में एक वाटरशेड थी. इनमें से अधिकांश ने मिग -21 के साथ शुरुआत की.

पुरुष या महिला लड़ाकू पायलटों की परफोर्मेंस में कोई अंतर नहीं
एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि “पुरुष या महिला लड़ाकू पायलटों की परफोर्मेंस में कोई अंतर नहीं है. वे एक स्पेसिफिक भूमिका निभाने के लिए प्रशिक्षित पेशेवर हैं, ” पिछले दशक में वायुसेना के मिग -29 को नए एवियोनिक्स, हथियार, रडार और हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले के साथ अपग्रेड किया गया था. अपग्रेडेशन में फाइटर के एयरफ्रेम को ओवरहाल करना और इसकी रेंज का विस्तार करने के लिए इन-फ्लाइट रीफ्यूलिंग सिस्टम से लैस करना भी शामिल है. वर्तमान में सेना, नौसेना और वायु सेना में 9,118 महिलाएं सेवा दे रही हैं. पिछले छह वर्षों में सेना में महिलाओं का संख्या लगभग तीन गुना बढ़ी है.


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