Agnipath Scheme: अग्निवीरों की भर्ती में जाति प्रमाण पत्र पर विवाद के बाद रक्षा मंत्री की सफाई, 'हमने नहीं किया कोई बदलाव, पहले से चली आ रही परंपरा'
Cast Controversy in Agnipath Scheme: भर्ती प्रक्रिया को लेकर तेजस्वी यादव और संजय सिंह ने अग्निवीर भर्ती योजना को लेकर एक ट्वीट कर कहा, मोदी सरकार अग्निवीर नहीं बल्कि जातिवीरों की भर्ती कर रही है.
Caste Religion Controversy on Agnipath Scheem: अग्रिपथ स्कीम (Agneepath Scheme) पर विवाद अभी थमा नहीं है. अग्निवीरों की भर्ती (Recruitment of Agniveers) को लेकर जाति प्रमाण पत्र (Cast Certificate) का मामला नया विवाद खड़ा कर रहा है. विपक्ष (Opposition) इस मुद्दे पर सरकार (Government) को घेरने की कोशिश कर रहा है तो वहीं इस विवाद पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सफाई देते हुए कहा, 'हमने नहीं किया कोई बदलाव, पहले से चली आ रही परंपरा अग्निपथ योजना का पहले से ही विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं.' इसको लेकर बिहार और कुछ अन्य राज्यों में छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन (Violent Protest) भी किया था . योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है.
अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया को लेकर विपक्ष ने आज एक नया विवाद खड़ा कर दिया . आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने अग्निवीर भर्ती योजना को लेकर एक ट्वीट किया. ट्वीट में दोनों नेताओं ने भर्ती विज्ञापन का हवाला देते हुए लिखा कि भर्ती के लिए जाति प्रमाण पत्र मांगकर मोदी सरकार अग्निवीर नहीं बल्कि जातिवीरों की भर्ती कर रही है.
मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 19, 2022
क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते?
भारत के इतिहास में पहली बार “सेना भर्ती “ में जाति पूछी जा रही है।
मोदी जी आपको “अग्निवीर” बनाना है या “जातिवीर” pic.twitter.com/fxgBre38Ft
संजय सिंह ने कसा तंज
अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में जाति प्रमाण पत्र को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 'मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना में भर्ती के काबिल नहीं मानते? भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। मोदी जी आपको 'अग्निवीर' बनाना है या जातिवीर'
आजादी के बाद 75 वर्षों तक सेना में ठेके पर “अग्निपथ” व्यवस्था लागू नहीं थी। सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छँटनी नहीं होती थी लेकिन संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर 75% सैनिकों की छँटनी करेगी।सेना में जब आरक्षण है ही नहीं तो जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत? https://t.co/x8mpIwLcJC
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 19, 2022
'जात न पूछो साधु की, जात पूछो फौजी की...'
अग्निवीर भर्ती को लेकर एक बार फिर दिल्ली से बिहार तक सियासत शुरू हो चुकी है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर निशाना साधा. तेजस्वी यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 'जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की...' तेजस्वी ने आगे कहा, 'आजादी के 75 वर्षों तक सेना में ठेके पर अग्निपथ व्यवस्था लागू नहीं थी. सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छंटनी नहीं होती थी लेकिन संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर 75 फीसदी सैनिकों की छंटनी करेगी.'
केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी सफाई
विवाद बढ़ता देख जवाब देने खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) सामने आए और सफाई देते हुए विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया. राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना की भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है. राजनाथ ने कहा कि आजादी के समय से ही भर्ती (Recruitment) की ऐसी प्रक्रिया चलती आ रही है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने भी कहा सेना में भर्ती के लिए धर्म का कोई काम नहीं है. हालांकि बीजेपी (BJP) और सरकार (Government) के लिए असहज स्थिति तब पैदा हो गई जब एनडीए की सहयोगी जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushawaha) ने भी ट्वीट कर इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा. कुशवाहा ने इस मामले पर सरकार से स्पष्टीकरण देने को कहा.
यह भी पढ़ेंः
Agnipath Scheme: जानिए कब बना 'अग्निपथ स्कीम' का प्लान, इस स्टडी पर तैयार हुआ खाका