नई दिल्ली: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद और पूर्व विदेश राज्य मंत्री ई अहमद के निधन के बाद आज बजट पेश होने को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है.
इस मुद्दे पर वित्त राज्य मंत्री संतोश गंगवार का कहना है कि चूंकि संसद के वरिष्ट सदस्य का निधन हो गया है, इसलिए पूरी संभावना है कि बजट एक दिन के लिए टल सकता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि ये फैसला लोकसभा स्पीकर को लेना है.
बीती देर रात ई अहमद का निधन हो गया. अब तक परंपरा ये रही है कि किसी भी जनप्रतिनिधि के निधन के बाद के बाद संसद की कार्यवाही उस दिन के लिए स्थगित कर दी जाती है. हालांकि इसे लेकर कानून नहीं है और अब ये फैसला लोकसभा की स्पीकर को करना है. खबरें हैं कि जल्द ही स्पीकर इसे लेकर फैसला कर सकती हैं.
पूर्व विदेश राज्य मंत्री ई अहमद का दिल का दौरा पड़ने से निधन
सरकार के पास क्या विकल्प हैं?
सरकार केपास दो विकल्प हैं- पहला ये है कि ई अहमद को श्रद्धांजलि देने के बाद बजट पेश किया जाए और संसद के आगे की कार्रवाई स्थगित कर दी जाए.
दूसरा विकल्प ये है कि ई अहमद को श्रद्धांजलि देने के बाद आज बजट को टाल दिया जाए और दिनभर के लिए संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी जाए.
सियासत जारी
ई अहमद के निधन के बाद सियासत शुरू हो गई है. मरहूम सांसद के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने उन्हें मिलने से रोका, जिसे लेकर काफी हंगामा भी हुआ. सिसायत इस कद्र बढ़ी कि मरहूम सांसद के निधन के बाद देर रात ही सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेताओं ने ई अहमद के परिवार वालों से मुलाकात की.
पेंच कहां फंसा है?
भारत के इतिहास में अब तक बजट के पहले से तय समय में कभी बदलाव नहीं हुआ. ऐसा इसलिए भी कि इस दिन कभी भी किसी सांसद के निधन की घटना नहीं घटी है.
कौन हैं ई अहमद ?
ई अहमद का जन्म 29 अप्रैल 1938 को हुआ था यानी निधन के वक्त उनकी उम्र करीब 79 साल थी. वो अपने पीछे पत्नी, दो बेटों और एक बेटी को छोड़ गए हैं. ई अहमद केरल की मलप्पुरम सीट से सांसद थे और उनकी पार्टी है इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग. वो मनमोहन सिंह सरकार में विदेश राज्य मंत्री भी थे. ई अहमद 6 बार सांसद चुने गए और 5 बार विधायक. वो पांच साल तक केरल में राज्य के कैबिनट मंत्री भी रहे.