कांग्रेस पार्टी के बड़े रणनीतिक अहमद पटेल बुधवार को इस दुनिया को अलविदा कर हमेशा के लिए चले गए. राजनीति के ‘चाणक्य’ और 'अहमद भाई' समेत कई नामों से जाने जाने वाले अहमद पटेल के जाने से कांग्रेस पार्टी को जो नुकसान हुआ है उसकी शायद ही कभी भरपाई हो पाएगी, क्योंकि राजनीति में उनका स्थान कोई नहीं ले सकता है.
अहमद पटेल के जाने के बाद जहां राजनीतिक जगत में शोक की लहर छा गई तो वहीं उनके साथ करीब से पार्टी संगठन में काम करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने ट्वीट कर अपनी उदासी जाहिर की.
मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल में समानता ये थी कि वे दोनों ही गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे हैं. अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार के बाद नंबर 2 की हैसियत वाले माने जाते थे. तो वहीं मोतीलाल वोरा ने करीब 2 दशक तक कोषाध्यक्ष का पद संभाला जो पार्टी के इतिहास में सबसे लंबा कार्यकाल है. मोतीलाल वोरा को भी गांधी परिवार का वफादार माना जाता है और वे इस परिवार के खास रहे हैं. हालांकि, साल 2018 में बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने मोतीलाल वोरा से कोषाध्याक्ष की जिम्मेदारी लेते हुए अहमद पटेल को दी थी.
एक दिन ही, पहले मोतीलाल वोरा ने अहमद पटेल के निधन को अत्यंत दुखद करार देते हुए खुद को नि:शब्द बताया था. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था- "कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद श्री अहमद पटेल जी के निधन की ख़बर अत्यंत दुःखद है. यह क्षति देश के लिए, पुरे कांग्रेस परिवार व निजी रूप से मेरे लिए अपूरणीय क्षति हैं. निःशब्द हूँ. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व उनके परिवार को सहनशीलता प्रदान करे ..."
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