नई दिल्ली: सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद लोगों को कैश की समस्या से जूझना पड़ रहा है. घंटों लाइन में लगने के बावजूद लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते लोगों के मन में लगातार यह सवाल उठ रहा है कि आखिर नोटों की किल्लत कब तक खत्म होगी.


इसी बीच आईबीआई के दो डिप्टी गवर्नर ने बाजार में आ रहे नोटों का नया आंकड़ा पेश किया. आरबीआई के मुताबिक नोटबंदी के फैसले के बाद पांच दिसंबर 2016 तक 3 लाख 81 हजार करोड़ रुपये लोगों को बांटे गए. जबकि 10 दिसंबर तक यह आंकड़ा 4 लाख 61 हजार रुपये हो गया. यानि पांच दिनों के भीतर 80 हजार करोड़ रुपये बांटे गए. इस आंकड़ो के आधार पर प्रतिदिन 16 हजार करोड़ रुपये बांटे गए.


नोटबंदी के पचास दिन पूरे होने में अभी 16 दिन बाकी है. अगर हम 10 दिसंबर से देखना शुरू करें तो नोटबंदी में 21 दिन बाकी रहेंगे. अगर बाजार में नोटों का आना इसी तरह जारी रहा तो बचे हुए 21 दिनों में 3 लाख 36 हजार करोड़ रुपये बांट दिए जाएंगे.


अब 10 दिसंबर तक बांट गए 4 लाख 61 हजार करोड़ और 10 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच बांटे जाने वाले 3 लाख 36 हजार करोड़ को मिला दिया जाए तो कुल राशि 7 लाख 97 हजार करोड़ हो जाएंगे. यानी इस आधार पर 31 दिसंबर तक 7 लाख 97 हजार करोड़ रुपये बांट दिए जाने का अनुमान लगाया जा सकता है.


नोटबंदी के बाद 15 लाख 44 हजार करोड़ रुपये के 500 और 1000 के नोट बंद हुए थे. अगर हालात सामान्य होने के लिए इसी मुद्रा को आधार माना जाए और हर दिन 16 हजार करोड़ के नोटों की सप्लाई मानी जाए तो 31 दिसंबर के बाद 47 दिन और लगेंगे यानी 16 फरवरी तक 15 लाख 49 हजार करोड़ रुपये के नोट बाजार में आ जाएंगे. जो बंद हुए नोटों की कीमत से ज्यादा है.

हालांकि ये स्थिति तब है जब 2000 के नोट ज्यादा छपे हैं और 500 के नोट कम. हाल के दिनों में 500 के नोटों की छपाई बढ़ी है. यानी कम पैसे मार्केट में आएंगे और टारगेट पूरा करने में और ज्यादा वक्त लग सकता है.