नई दिल्ली: भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार अब अगले एक्शन की तैयारी कर रही है. पीएम मोदी ने नोटबंदी के बाद बेनामी संपत्ति को अपना अगला टारगेट बनाया है. सरकार जल्द ही इसे लेकर देश में बड़ा अभियान चला सकती है. हाल में हुई चुनावी रैलियों में पीएम ने बेनामी संपत्ति के बहाने विरोधियों पर कड़ा वार किया था.
सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में मालिकाना हक के कानूनी सबूत न मिलने पर सरकार बेनामी संपत्तियों को कब्जे में ले सकती है. कब्जे में ली गई संपत्तियों को गरीबों के लिए किसी योजना से भी जोड़ा जा सकता है.
नोटबंदी के बाद से आयकर विभाग ने अब तक 1833 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त की है. सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्र की मानें तो बेनामी संपत्ति के खिलाफ ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.
माना जा रहा है कि मोदी सरकार 2019 का आम चुनाव करप्शन के मुद्दे पर ही लड़ने की रणनीति बना रही है. इसीलिए नोटबंदी के एक साल होने पर इसे एंटी करप्शन डे के तौर पर मनाने की तैयारी है. इस दिन बीजेपी नोटबंदी के फायदों को जोरशोर के साथ जनता के बीच ले जाएगी.
उधर, विपक्षी दल 8 नवंबर को नोटबंदी के विरोध में देशभर में हुंकार भरेंगे. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पहले ही आठ नवंबर को काला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है. कांग्रेस के इस विरोध में एनसीपी, लेफ्ट, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल समेत तमाम कई दलों के नेता शामिल होंगे.
विरोधियों को जवाब देने के लिए मोदी सरकार के मंत्री अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं. ताकि इस हंगामे के चलते भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के जश्न का रंग फीका न पड़ सके.