Karnataka News: कर्नाटक के चामराजनगर जिले से एक शर्मनाक मामला सामने आया है. जहां एक दलित महिला के सार्वजनिक टंकी से पानी पीने के बाद उच्च जाति के लोगों ने टंकी को गौमूत्र से शुद्ध कराया. इस मामले पर पुलिस ने एक लिंगायत नेता के खिलाफ अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम 2015 की धारा 3 (1) (ए) के तहत मामला दर्ज किया है.


पुलिस के अनुसार बताया जा रहा है कि यह घटना चामराजनगर जिले के हेगगोटोरा गांव की है. जहां 19 नवंबर को पीड़ित दलित महिला गांव के एक शादी समारोह में आई थी. उसने गांव की पानी की टंकी से पानी पी लिया. लेकिन इसी दौरान दबंगों ने उसे रोकने की कोशिश की. आरोप है कि उन्होंने कहा, 'यह ब्राह्मणों की गली है. तुमने इससे पानी कैसे पिया?' दलित महिला के सार्वजनिक टंकी से पानी पीने के बाद उच्च जाति के ग्रामीणों ने गोमूत्र डालकर टंकी का शुद्धकरण किया. वहां मौजूद किसी शख्स ने इसकी शिकायत तहसीलदार से कर दी.


समाज कल्याण विभाग ने लिया घटना पर संज्ञान 


शिकायत पाने के बाद पुलिस के अधिकारी तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे. पुलिस ने सभी को उसी टंकी से पानी पीने की अनुमति दी. इसके साथ ही दबंगों को चेतावनी देते हुए कहा कि आगे से भेदभाव की घटना नहीं होनी चाहिए. इतना ही नहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने गांव का दौरा किया. इस दौरान गांव के करीब 20 दलित लोगों को क्षेत्र के सभी सार्वजनिक नलों में पानी पीने के लिए ले गए.


कौन हैं लिंगायत समाज 


लिंगायत समाज को कर्नाटक की अगड़ी जातियों में गिना जाता है. कर्नाटक की आबादी का 18 फीसदी लिंगायत हैं. पास के राज्यों जैसे महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी लिंगायतों की अच्छी खासी आबादी है.


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