नयी दिल्ली: हवा की रफ्तार में आई जबर्दस्त कमी के कारण दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में गिरावट आई है. दरअसल, हवा की रफ्तार बहुत धीमी पड़ने से प्रदूषक कण तेजी से इकट्ठा हो गए और धुंध जमने लगी, जिससे शहर में हवा की गुणवत्ता काफी प्रभावित हुई.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने हवा गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 359 दर्ज किया. इस सूचकांक से पता चलता है कि आठ दिन के बाद दिल्ली में हवा की गुणवत्ता फिर से ‘बहुत खराब’ हो गई.
एक्यूआई 12 दिसंबर को ‘मध्यम’ था और उसके बाद से ‘खराब’ रहा है. सीपीसीबी के वैज्ञानिक दीपंकर साहा ने बताया कि जल्द ही हालात में सुधार होने की संभावना है, क्योंकि उत्तर से चल रही हवा तापमान में कमी लाएगी जिससे धुंध छंटेगी.
साहा ने कहा, ‘‘हम शांत दशाएं देख रहे हैं, लेकिन अच्छी खबर यह है कि हवा उत्तर से आ सकती है और हम तापमान में गिरावट और धुंध में कमी की अपेक्षा कर सकते हैं.’’ धुंध छंटने के कारण सूक्ष्म धूल-कणों के स्तर में भी कमी आएगी.
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरॉमेंट के रिसर्चर विवेक चट्टोपाध्याय ने कहा कि जब हवाएं करीब 0.3 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलती हैं तो दशाएं शांत मानी जाती हैं. इससे हवा सघन हो जाती है.
सीपीसीबी में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए बने केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, दिन भर पीएम10 का स्तर बढ़ने के बाद रात आठ बजे 408.8 यूजी/एम3 था. पीएम2.5 का स्तर 256.2 यूजी/एम3 था.