किसानों को मनाने के लिए अमित शाह के घर ढाई घंटे मीटिंग, कृषि मंत्री तोमर और पीयूष गोयल हुए शामिल
बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर औऱ रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे. सूत्रों ने बताया तोमर ने शाह से किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को समाप्त किए जाने के रास्तों पर चर्चा की. सूत्रों के मुताबिक सरकार फिलहाल इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि किसानों को कोई नया प्रस्ताव भेजा जाए या नहीं.
नई दिल्ली: कृषि सुधार कानूनों लेकर दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 15वां दिन है. कल किसानों ने केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके साथ ही किसानों ने आंदोलन और तेज करने की भी बात कही. किसानों ने साफ तौर पर कहा कि हम सरकार को सिर्फ एक लाइन का जवाब भेजेंगे कि हमें आपका प्रस्ताव नामंजूर है.
वहीं दूसरी ओर से कानून वापसी पर अड़े किसानों को मनाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के घर बैठक हुई. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर औऱ रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे. सूत्रों ने बताया तोमर ने शाह से किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को समाप्त किए जाने के रास्तों पर चर्चा की. सूत्रों के मुताबिक सरकार फिलहाल इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि किसानों को कोई नया प्रस्ताव भेजा जाए या नहीं.
सरकार के प्रस्ताव पर किसानों ने क्या कहा? सरकार के 20 पन्नों के प्रस्ताव को तसल्लीबख्श पढ़ने के बाद भी किसानों ने खारिज कर दिया. सरकार के दिए प्रस्ताव को आंदोलनकारी किसानों ने गोल-मोल बताया. किसानों ने कहा कि जो बातें पिछले पांच मीटिंग के दौर हुईं, सरकार ने अपने प्रस्ताव में उन्हीं बातों को लिखा है.
सरकार का प्रस्ताव खारिज करने के बाद किसानों ने अनिश्चित काल के लिए धरने की चेतावनी दी है. इससे पहले 12 दिसंबर तक जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा हाइवे को जाम करने की चेतावनी दी है. 14 तारीख को पूरे देश में धरने का भी एलान किया है.
किसानों ने बताा कि 14 को पूरे देश में जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन होगा. दिल्ली के आसपास के राज्यों में धरने होंगे. 12 तारीख को पूरे देश में टोल प्लाजा फ्री कर दिया जाएगा. 12 तारीख को या उससे पहले दिल्ली जयपुर हाइव को बंद कर दिया जाएगा. किसानों ने रिलायंस और जियो के सभी प्रोडॉक्ट का बायकॉट करने की भी अपील की.
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि किसानों ने कानून में प्रस्तावित संशोधन को खारिज कर दिया है, क्योंकि वे कानूनों को निरस्त किये जाने से कम कुछ नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा कि नए मसौदा में कुछ भी नया नहीं है, जो केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान नेताओं के साथ अपनी पूर्व की बैठकों में नहीं कहा हो.