नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास बृहस्पतिवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक समूह पर एक व्यक्ति द्वारा पिस्तौल से गोली चलाए जाने के बाद हजारों लोग और पुलिसकर्मी आमने सामने आ गए. व्यक्ति द्वारा चलायी गई गोली से एक छात्र घायल हो गया जबकि घटना के बाद वह व्यक्ति पिस्तौल हवा में लहराते और यह चिल्लाते हुए निकला कि ‘‘ये लो आजादी.’’ रात होने के साथ ही क्षेत्र में व्यापक प्रदर्शन शुरू हो गया. आंदोलनकारी छात्र और विश्वविद्यालय के पास जमा अन्य सैकड़ों लोगों ने बैरिकेड तोड़ दिये और पुलिसकर्मियों से भिड़ गए. इसी बीच अब जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने कहा है कि विश्वविद्यालय जामिया नगर में बृहस्पतिवार को गोलीबारी की घटना में ज़ख्मी हुए छात्र शादाब फारुक के इलाज का खर्च उठाएगा.


दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर भी रात में लोगों और छात्रों ने प्रदर्शन किया और सीएए के खिलाफ नारेबाजी की. विश्वविद्यालय और पुलिस अधिकारियों के अनुसार जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर शुरू हुआ प्रदर्शन पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए चार लोगों को रिहा किए जाने के बाद समाप्त हो गया.


पुलिस ने गोली चलाने वाले व्यक्ति को पकड़ लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया. घायल छात्र शादाब फारुक के हाथ से खून बहते हुए देखा गया. उसे एम्स ट्रामा सेंटर ले जाया गया. फारुक जनसंचार का छात्र है और वह कश्मीर का रहने वाला है. इस पूरी घटना से क्षेत्र में खलबली मच गई. यह घटना टेलीविजन कैमरों में रिकार्ड हो गई जिसमें दिखा कि हल्के रंग की पैंट और गहरे रंग की जैकेट पहने व्यक्ति पुलिस द्वारा बैरिकेड लगायी गयी खाली सड़क से निकलता है और मुड़़कर प्रदर्शनकारियों पर चिल्लाता है ‘‘ये लो आजादी.’’ उसके पीछे पुलिसकर्मियों का एक समूह भी दिखा.


दिल्ली पुलिस के अधिकारी का बयान 


विशेष सीपी (खुफिया) प्रवीर रंजन ने कहा, ‘‘पुलिस जब तक प्रतिक्रिया जताती, व्यक्ति गोली चला चुका था. सब कुछ सेकंड में हुआ. जांच जारी है और मामले को अपराध शाखा को सौंप दिया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने व्यक्ति को पकड़ लिया है. हम इसकी जांच कर रहे हैं कि वह किशोर है या नहीं.’’ ऐसे में जब क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया तो गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया कि उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त से बात की है और उनसे कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. गृहमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.


दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त कानून-व्यवस्था (उत्तर) सतीश गोलचा ने फारुक से एम्स के ट्रॉमा सेंटर में मुलाकात की. वहां उसका उपचार चल रहा है. गोलचा ने कहा,‘‘हमने उससे मुलाकात की. गोली निकाल दी गई है और उसने चिकित्सक से बात भी की है.’’ उक्त व्यक्ति पिस्तौल दिखाने से पहले फेसबुक पर लाइव हुआ था जिसमें स्वयं की पहचान रामभक्त गोपाल बतायी थी. पुलिस ने कहा कि वह इसकी जांच कर रही है कि क्या यह उसका वास्तविक नाम है.


इस घटना से पहले व्यक्ति ने फेसबुक पर संदेश पोस्ट किये ‘‘शाहीनबाग का खेल खत्म.’’ एक अन्य संदेश में उसने लिखा है, ‘‘मेरी अंतिम यात्रा पर...मुझे भगवा में ले जायें...और जय श्रीराम के नारे हों.’’ उसकी पोस्ट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद उसका फेसबुक प्रोफाइल डिलीट कर दिया गया. वहीं, स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव, सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता प्रशांत भूषण, भाकपा नेताओं डी राजा और कुमार अंजान उन नेताओं में शामिल थे जिन्हें आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर संविधान के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए आयोजित अलग-अलग प्रदर्शनों के दौरान हिरासत में ले लिया गया.


यूनिवर्सिटी के छात्र का बयान 


कई छात्रों ने बताया कि किस तरह से गांधी की पुण्यतिथि पर राजघाट के लिए निकाला गया उनका शांतिपूर्ण मार्च हिंसा में फंस गया. विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की छात्रा आमना आसिफ ने कहा, ‘‘हम होली फैमिली अस्पताल की ओर बढ़ रहे थे जहां पुलिस ने बैरिकेड लगाये थे. अचानक पिस्तौल लिये हुए व्यक्ति सामने आया और गोली चला दी. एक गोली मेरे मित्र के हाथ पर लगी.’’ उसने कहा कि उसका मित्र फारुक हमलावर को शांत कराने का प्रयास कर रहा था.


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