जम्मू-कश्मीर: केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद परिसीमन प्रक्रिया शुरू, जम्मू में सीटें बढ़ने की उम्मीद
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कवीन्द्र गुप्ता का कहना है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की समानता नहीं है. उन्होंने दावा किया कि जम्मू में वोटरों की संख्या ज्यादा है.
जम्मू: जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद अब केंद्र सरकार ने यहां परिसीमन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बीजेपी का दावा है कि जम्मू और कश्मीर में विधानसभा सीटों में समानता लाने के लिए यह एक जरूरी कदम है. जिसके बाद प्रदेश को जम्मू का मुख्यमंत्री भी मिल सकता है.
जम्मू-कश्मीर में अगर विधानसभा सीटों की बात करें तो जम्मू में विधानसभा की 37 सीटें हैं जबकि कश्मीर में यह संख्या 46 की है. अब परिसीमन के बाद वोटरों या दोनों संभागों के क्षेत्रफल को आधार बनाकर इन सीटों को बढ़ाया जायेगा. सूत्रों की माने तो परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की कुल सीटों की संख्या बढ़ कर 107 से 114 तक हो सकती है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कवीन्द्र गुप्ता की माने तो जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की समानता नहीं है. उन्होंने कहा कि जम्मू की जिस गांधी नगर विधानसभा के वो विधायक रहे हैं वहां करीब 2 लाख वोटर हैं जबकि कश्मीर में कुछ सीटों पर मात्र 40,000 वोटर अपने विधायक का चुनाव करते हैं.
कवीन्द्र गुप्ता का दावा है कि अगर कश्मीर से तुलना की जाए तो जम्मू में वोटरों की संख्या अधिक है. क्षेत्रफल के लिहाज से भी जम्मू, कश्मीर से कहीं आगे है. उन्होंने कहा कि परिसीमन के बाद जम्मू और कश्मीर में सीटों की इस असमानता को या तो वोटरों के आधार पर या फिर क्षेत्रफल के आधार पर दुरुस्त किया जायेगा.
उन्होंने दावा किया कि अगर जम्मू में वोटरों की संख्या अधिक है तो जम्मू में कश्मीर के मुकाबले विधानसभा की सीटें अधिक होनी चाहिए. उन्होंने आशा जताई कि केंद्र सरकार इस विषय में जो भी फैसला लेगी वो सभी को मान्य होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी का आधार जम्मू में है और वो कश्मीर में अपने आधार को लगातार बड़ा रही है, तो ऐसे में प्रदेश को जम्मू का मुख्यमंत्री भी मिल सकता है.
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