जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के विद्रोही खेमे के नेताओं का जी-23 आयोजन और सीनियर पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ ने वहां की कांग्रेस यूनिट में दरार डाल दिया है. आजाद की टिप्पणी से भड़के जम्मू कश्मीर कांग्रेस चीफ गुलाम अहमद मीर कांग्रेस महासचिव और संगठन के प्रभारी केसी वेणुगोपाल और राज्य के प्रभारी रजनी पाटिल से सोमवार को मुलाकात के लिए दिल्ली आ गए हैं.


आजाद के PM की तारीफ से कांग्रेस असहज


समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मीर ने पार्टी नेतृत्व को जी-23 आयोजन के बाद राज्य में स्थिति, भावनाएं और राजनीतिक स्थिति के बारे में सूचित कर दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य के कार्यकर्ता गुलाम नबी आजाद की तरफ से पीएम मोदी की प्रशंसा के चलते नाराज हैं. गौरतलब है कि गांधी ग्लोबल फैमिली की तरफ से जम्मू में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद हैं. इस कार्यक्रम में कांग्रेस के विद्रोही जी-23 खेमे का आयोजन किया गया और नेताओं को आमंत्रण दिया गया. लेकिन, इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी यूनिट को नहीं बुलाया गया. आजाद ने इस दौरान जी-23 सदस्यों के सामने विभिन्न जिलों के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.


आजाद के खिलाफ शिकायत करने दिल्ली आए मीर


मीर ने पार्टी नेतृत्व को कार्यक्रम के आयोजन के बाद कार्यकर्ताओं में गए संदेश के बारे में भी बता दिया है, जिसके बारे में पार्टी नेतृत्व की तरफ से स्थिति का आकलन किया जा रहा है. गुलाम अहमद मीर दिल्ली में ठहरेंगे और इस मुद्दे पर और ज्यादा बैठकें हो सकती हैं ताकि भविष्य के कदमों पर बारे में फैसला किया जा सके.


वीरप्पा मोइली ने किया किनारा


उधर, जम्मू में हुई 'जी-23' नेताओं की बैठक से खुद को अलग करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने सोमवार को पार्टी के अंदरूनी मतभेद सार्वजनिक होने पर चिंता जाहिर करते हुए राहुल गांधी के फिर से पार्टी प्रमुख बनने का समर्थन किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली पार्टी के उन 23 नेताओं में शामिल थे जिन्होंने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक और दृष्टिगोचर नेतृत्व सुनिश्चित करने का आग्रह किया था. इसके बाद इन नेताओं को 'जी-23' के नाम से जाना जा रहा है.


राज्यसभा से गुलाम नबी आजाद के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए 'जी-23' के कुछ नेताओं द्वारा शनिवार को जम्मू में की गई रैली का हवाला देते हुए मोइली ने कहा कि 'असंतुष्टों' के तौर पर इसका अर्थ लगाना गलत है. उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, '' यह असंतुष्टों की बैठक नहीं है. हम ('जी-23' के कुछ नेता) इसका हिस्सा नहीं हैं." सार्वजनिक तौर पर असंतुष्टि दिखाते हुए आज़ाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल जैसे नेता शनिवार को जम्मू में एक मंच पर आए और कहा कि पार्टी कमज़ोर हो रही है और वे इसे मजबूत करने के लिए साथ आए हैं.''


क्या बोले थे गुलाम नबी आजाद


कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने जम्मू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. उन्होंने कहा- "मुझे बहुत से लीडरों की बहुत सी बातें अच्छी लगती हैं. मैं खुद गांव से हूं और मुझे इस बात का फख्र है. आज़ाद ने पीएम मोदी का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि वो गांव से थे, कुछ भी नहीं थे, बर्तन मांजते थे, चाय बेचते थे." उन्होंने कहा कि सियासी तौर पर हम उनके खिलाफ हैं, लेकिन कम से कम जो अपनी असलियत है उसको नहीं छिपाते. जो आदमी अपनी असलियत छुपाता है वह आरज़ी दुनिया में रहता है. आदमी को फख्र होना चाहिए.


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